जयपुर, छह अक्टूबर (भाषा) राजस्थान सरकार ने राज्य कृषक ऋण राहत योजना आयोग का गठन करते हुए इसके अध्यक्ष एवं चार सदस्य मनोनीत किए हैं।
एक सरकारी बयान के अनुसार सेवानिवृत न्यायाधिपति प्रकाशचंद गुप्ता को आयोग का अध्यक्ष मनोनीत किया गया है।
इसके अनुसार राज्य सरकार ने प्राकृतिक एवं अन्य आपदाओं से हुए नुकसान के कारण समय पर ऋण न चुकाने वाले किसानों को राहत देने एवं उनकी जमीन को कुर्की से बचाने के लिए अगस्त में ‘राजस्थान राज्य कृषक ऋण राहत आयोग विधेयक-2023’ पारित करवाया था। अब इसके तहत ‘राजस्थान राज्य कृषक ऋण राहत योजना आयोग’ का गठन किया गया है।
सरकार ने सेवानिवृत न्यायाधिपति प्रकाशचंद गुप्ता को आयोग का अध्यक्ष मनोनित किया है।
इसके अलावा सेवानिवृत आईएएस पी के गोयल, महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एस एन राठौड़, हरिकुमार गोदारा एवं सुनील गहलोत को आयोग का सदस्य मनोनित किया गया है।
बयान के अनुसार कृषकों के कल्याण एवं उत्थान के लिए कई अहम फैसले लिए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राज्य सरकार ने 21 लाख से अधिक किसानों का लगभग 15 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया। इसी कड़ी में यह आयोग गठित् किया गया है। आयोग बैंक एवं किसानों के बीच ऋण संबंधी विवादों को बातचीत के माध्यम से निपटाएगा एवं कृषि ऋण से संबंधित विभिन्न सुझाव देगा।
एक अन्य फैसले के तहत सरकार ने करणी चारण एवं डिंगल साहित्य शोध संरक्षण एवं विकास बोर्ड के गठन को स्वीकृति दी है। इस बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा नौ गैर सरकारी एवं पांच सरकारी सदस्य होंगे। बोर्ड का मुख्यालय जयपुर में होगा।
भाषा पृथ्वी कुंज राजकुमार
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