जयपुर, पांच सितंबर (भाषा) राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल हत्याकांड के एक आरोपी मोहम्मद जावेद को बृहस्पतिवार को उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी।
साल 2022 में हुए इस जघन्य हत्याकांड में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) अदालत द्वारा जमानत देने से इनकार किए जाने के बाद आरोपी ने जमानत के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
आरोपी ने अपने वकील सैयद सआदत अली के जरिए दलील दी कि उसे फोन कॉल डिटेल के आधार पर गिरफ्तार किया गया था, जबकि साजिश रचने में शामिल अन्य आरोपियों के साथ उसकी लोकेशन का पता नहीं लगाया जा सका।
अली ने कहा कि घटना से पहले अन्य मुख्य आरोपी एक चाय के ढाबे (टी-स्टॉल) पर एकत्र हुए थे लेकिन याचिकाकर्ता की लोकेशन वहां नहीं थी। उससे कोई बरामदगी नहीं हुई है और मामले में उसका अपराध अभी साबित होना बाकी है, जबकि आरोप पहले ही तय हो चुके हैं।
बचाव पक्ष के वकील की दलीलों पर विचार करते हुए न्यायमूर्ति पंकज भंडारी की अध्यक्षता वाली पीठ ने आरोपी को जमानत दे दी, क्योंकि याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी उसके और मामले के अन्य मुख्य आरोपियों के खुलासे के बयान पर आधारित थी।
जून 2022 में उदयपुर के व्यस्त हाथीपोल इलाके में दर्जी कन्हैयालाल की उसकी दुकान पर चाकू से हमला कर हत्या कर दी गई थी। कन्हैयालाल पर दो लोगों ने चाकू से हमला किया था। आरोपी इस बात से नाराज बताए जा रहे थे कि कन्हैयालाल ने सोशल मीडिया पर इस्लाम के खिलाफ एक पोस्ट का कथित तौर पर समर्थन किया था।
इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। मामले की जांच एनआईए कर रही है।
जयपुर में एनआईए अदालत में 11 आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय किए गए जिनमें 302 (हत्या), 452 (अनधिकृत प्रवेश), 153-ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295-ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, जिसका उद्देश्य किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करना है), 120-बी (आपराधिक साजिश) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम शामिल हैं।
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