जयपुर, 16 मई (भाषा) राजस्थान के अलवर में व्यापारियों ने तुर्किये से आयात किये जाने वाले सेबों का बहिष्कार शुरू कर दिया और कहा कि अब अलवर व आसपास की मंडियों में इस देश के सेब नहीं बिकेंगे।
अलवर के व्यापारियों ने भारत के साथ हालिया सैन्य संघर्ष के दौरान तुर्किये द्वारा पाकिस्तान को समर्थन देने के विरोध में यह फैसला किया है।
इससे पहले अजमेर में संगमरमर पत्थर व्यापारियों ने भी इसी मुद्दे को लेकर तुर्किये का बहिष्कार शुरू कर दिया था।
‘अलवर फल मंडी यूनियन’ ने तुर्किये से आयातित सेबों की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाने की घोषणा की है।
व्यापारियों ने कहा कि यह निर्णय जनता की भावना को दर्शाता है और इसका उद्देश्य तुर्किये के आर्थिक हितों को नुकसान पहुंचाना है।
‘फल मंडी यूनियन’ के महासचिव सौरभ कालरा ने बताया, “मार्च से जून के बीच हर दिन 15 टन से अधिक तुर्किये के सेब राजस्थान में आते हैं।”
उन्होंने बताया, “लेकिन तुर्किये के भारत विरोधी रुख के कारण हमने अब ये सेब नहीं बेचने का फैसला किया है। यह सिर्फ कारोबारी फैसला नहीं है बल्कि एक संदेश है।”
शुक्रवार से दुकानों में ‘तुर्किये सेब का बहिष्कार’ का आह्वान करने वाले पोस्टर लगाए जाएंगे और यह सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा कि बाजार में कोई भी तुर्किये सेब न बिके।
कालरा ने कहा, “अगर कोई व्यापारी तुर्किये का सेब बेचते पाया गया तो इसे ‘देशद्रोह’ माना जाएगा।”
संघ के सचिव पंकज सैनी ने कहा कि सेब की मांग को पूरा करने के लिए कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और दक्षिण अफ्रीका जैसे वैकल्पिक स्रोत तैयार हैं।
उन्होंने आश्वासन दिया कि उपभोक्ताओं की मांग को पूरा करने के लिए उनके पास ‘कोल्ड स्टोरेज’ में पर्याप्त भंडार है।
व्यापारियों ने जनता से तुर्किये घूमने फिरने न जाने की अपील की।
सैनी ने कहा, “भारतीयों को दूसरे पर्यटक गंतव्य चुनने चाहिए। अगर तुर्किये पाकिस्तान के साथ खड़ा हुआ है, तो हम आर्थिक रूप से जवाब देंगे।”
उन्होंने कहा कि यह कदम दिल्ली और मुंबई के फल मंडियों में भी इसी प्रकार के बहिष्कार की खबरों के बाद उठाया गया है।
भाषा पृथ्वी जितेंद्र
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