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Sunday, 22 December, 2024
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आंध्र प्रदेश में तेज बारिश के साथ फानी का प्रभाव शुरू, अलर्ट जारी

आंध्र प्रदेश के उत्तर तटीय इलाकों में गुरुवार को तेज बारिश हुई क्योंकि ये इलाके चक्रवाती तूफान फानी के चपेट में आने वाले बंगाल की खाड़ी के पास स्थित हैं.

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विशाखापट्टनमः आंध्र प्रदेश के उत्तर तटीय इलाकों में गुरुवार को तेज बारिश हुई क्योंकि ये इलाके बंगाल की खाड़ी के पास स्थित हैं और अभी बंगाल की खाड़ी चक्रवाती तूफान फानी के चपेट में है. वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने तूफान को लेकर उच्चस्तरीय बैठक की और निर्देश जारी किया है.

उड़ीसा की सीमा से लगे आंध्र के तटीय इलाके में स्थित श्रीकाकुलम, विजयनगरम, विशाखापट्टनम जिलों में 50 किलोमीटर प्रति रफ्तार की तेज हवाओं के साथ बारिश हुई. पूर्वी गोदावरी जिले के कुछ हिस्सों में भी बारिश हुई. चूंकि उड़ीसा से सटे श्रीकाकुलम जिले में इस चक्रवाती तूफान के प्रभाव की संभावना सबसे ज्यादा है इसलिए अधिकारियों ने रेड अलर्ट जारी कर दिया है. जिला अधिकारियों ने नागवली और वंशधारा नदियों के किनारे स्थित गांवों के लोगों को सचेत कर दिया है.

भारतीय मौसम विभाग द्वारा जिले में तेज बारिश होने की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं. आंध्र प्रदेश सरकार की रियल टाइम गवर्नेस सोसाइटी (आरटीजीएस)के अधिकारियों के अनुसार, श्रीकाकुलम जिले के तटीय भागों में 123 से 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाओं के बहने की संभावना है. सभी तटीय इलाकों में अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.

यह भी पढ़ेंः फानी कल दे सकता है दस्तक, ओडिशा और अन्य तटीय इलाकों में आपदा से निपटने की तैयारी

मुख्य सचिव एलवी सुब्रमण्यम ने कहा है कि प्रत्येक मंडल के लिए एक विशेष अधिकारी को नियुक्त किया गया है क्योंकि इस चक्रवाती तूफान से 200 गांवों के प्रभावित होने की आशंका है, जन हानि को रोकने के लिए अधिकारियों ने उपाय किए हैं. राज्य के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने गुरुवार को आरटीजीएस के अधिकारियों और आपदा प्रबंधन विभाग संग स्थिति की पुन: समीक्षा की.

उन्होंने अपने समकक्ष उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से भी बात की और चक्रवाती तूफान के चलते आने वाली परिस्थितियों के बारे में भी आलोचना की. इस स्थिति से निपटने के लिए नायडू ने उड़ीसा को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है.

प्रधानमंत्री ने तैयारी का जायजा लिया, जारी किए निर्देश

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को चक्रवाती तूफान फानी से निपटने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को सुरक्षात्मक उपाय करने और प्रभावी राहत व बचाव कार्य करने के निर्देश दिए.

चक्रवाती तूफान ओडिशा और कुछ अन्य पूर्वी तटीय राज्यों में शुक्रवार को अपना कहर बरपा सकता है, जिससे पहले प्रधानमंत्री ने सुरक्षा के उपाय करने के निर्देश दिए हैं. प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने बैठक में केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को प्रभावित राज्यों के अधिकारियों के साथ संपर्क बनाए रखने निर्देश दिया.

बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री को चक्रवाती तूफान की संभावित दिशा और इसके कहर से बचाव के लिए की जा रही तैयारी की जानकारी दी गई. तूफान से निपटने के लिए की गई तैयारी में संसाधनों का पर्याप्त प्रावधान, एनडीआरएफ और सशस्त्र बल की टीमों की तैनाती, पेयजल प्रदान करने की व्यवस्था और बिजली व दूरसंचार सेवाओं की वैकल्पिक व्यवस्था शामिल है. बैठक में कैबिनेट सचिव, प्रधानमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव, गृह सचिव और आईएमडी, एनडीआरएफ, एनडीएमए और पीएमओ के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.

चक्रवाती तूफान शुक्रवार की शाम ओडिशा में दस्तक दे सकता है. तूफान के दस्तक देने से पहले प्रदेश के तटीय इलाकों को खाली करने की प्रक्रिया जोरों पर चल रही है. तटीय क्षेत्र के निचले इलाकों से करीब आठ लाख लोगों को प्रदेश में सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने गुरुवार को लोगों से तूफान को लेकर आतंकित नहीं होने की अपील की है.

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