नयी दिल्ली, 29 मई (भाषा) रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बृहस्पतिवार को कहा कि रेलवे ने मध्यप्रदेश के उज्जैन में आगामी सिंहस्थ कुंभ मेला 2028 में श्रद्धालुओं की अपेक्षित भारी भीड़ के मद्देनजर व्यापक योजना बनाना शुरू कर दिया है।
आगामी मेले को लेकर तैयारियों के संबंध में रेल मंत्री ने आश्वासन दिया कि इस विशाल आयोजन के लिए रेलवे की तैयारियों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा और उन्हें मजबूत करने के लिए उच्च स्तरीय बैठकें आयोजित की जाएंगी।
समन्वित योजना और मजबूत बुनियादी ढांचे की तैयारी के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सुचारू यात्रा और रेलवे से संबंधित सभी व्यवस्थाओं के निर्बाध निष्पादन को सुनिश्चित करने के लिए पूर्ण सहयोग दिया है। मीडिया से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री यादव वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़े थे।
वैष्णव ने आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा हाल में रतलाम और नागदा के बीच स्वीकृत तीसरी और चौथी रेल लाइन परियोजना के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।
उन्होंने इस परियोजना के प्रमुख पहलुओं और मौजूदा रेल लाइन पर भीड़भाड़ कम करने के इसके उद्देश्य पर प्रकाश डाला, जिससे माल और यात्री यातायात की दक्षता बढ़ेगी, महत्वपूर्ण आर्थिक गलियारों में संपर्क मजबूत होगा।
मंत्री ने कहा कि यह परियोजना मध्यप्रदेश से कांडला, मुंद्रा, पिपावाव, हजीरा, दाहेज, जेएनपीए और प्रस्तावित वधावन बंदरगाह जैसे प्रमुख पश्चिमी तट बंदरगाहों तक माल की आवाजाही को बढ़ाएगी, जिससे मध्य और उत्तरी आर्थिक क्षेत्रों तक पहुंच बढ़ेगी।
वैष्णव ने कहा कि इस बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण से कृषि वस्तुओं, कोयला, कंटेनर और पेट्रोलियम उत्पादों का तेज़ और अधिक कुशल परिवहन हो सकेगा।
मंत्रालय की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘खजुराहो, ग्वालियर, कान्हा राष्ट्रीय उद्यान, ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, सांची स्तूप, उज्जैन, भोपाल, इंदौर, जबलपुर, अमरकंटक और भीम जन्मभूमि जैसे विरासत और धार्मिक स्थलों तक बेहतर पहुंच के साथ मध्य प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।’’
वैष्णव ने बढ़ते यात्री भार को देखते हुए तीन नयी ट्रेन शुरू करने की भी घोषणा की। नयी सेवाओं में जबलपुर और सतना होते हुए रीवा से पुणे तक एक ट्रेन, नैनपुर, बालाघाट और गोंदिया होते हुए जबलपुर से रायपुर तक ट्रेन तथा गुना और भोपाल होते हुए ग्वालियर से बेंगलुरु तक एक ट्रेन शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘इन ट्रेन का परिचालन अगले दो महीनों के भीतर शुरू होने की उम्मीद है।’’
भाषा आशीष वैभव
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