नयी दिल्लीः रेल मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि रेलवे भारत की संपत्ति है उसका कभी निजीकरण नहीं होगा. उन्होंने साथ ही कहा कि यात्रियों को अच्छी सुविधाएं मिलें, रेलवे के जरिये अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले, ऐसे कार्यो के लिये निजी क्षेत्र का निवेश देशहित में होगा.
लोकसभा में वर्ष 2021-22 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रण वाले अनुदानों की मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए पीयूष गोयल ने कहा, ‘दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि कई सांसद निजीकरण और कॉर्पोरेटाइजेशन का आरोप लगाते हैं. भारतीय रेल का कभी निजीकरण नहीं होगा.’
उन्होंने कहा, ‘मैं विश्वास दिलाता हूं कि रेलवे भारत की संपत्ति है उसका कभी निजीकरण नहीं होगा.’ गौरतलब है कि सोमवार को चर्चा के दौरान कांग्रेस के जसबीर सिंह गिल, आईयूएमएल के ई टी मोहम्मद बशीर सहित कुछ अन्य सदस्यों ने रेलवे का निजीकरण करने का प्रयास किये जाने संबंधी टिप्पणी की थीं.
रेल मंत्री ने कहा कि सड़कें भी सरकार ने बनाई है तो क्या कोई कहता है कि इस पर केवल सरकारी गाड़ियां चलेंगी. उन्होंने कहा कि सड़कों पर सभी तरह के वाहन चलते हैं तभी प्रगति होती है और तभी सभी को सुविधाएं मिलेंगी.
गोयल ने कहा कि तो क्या रेलवे में ऐसा नहीं होना चाहिए? क्या यात्रियों को अच्छी सुविधाएं नहीं मिलनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि मालवाहक ट्रेनें चलें और इसके लिए अगर निजी क्षेत्र निवेश करता है तो क्या इस पर विचार नहीं होना चाहिए.
मंत्री ने कहा कि पिछले सात वर्षों में रेलवे में लिफ्ट, एस्केलेटर एवं सुविधाओं के विस्तार की दिशा में अभूतपूर्व काम किये गए. उन्होंने कहा, ‘यदि हमें अत्याधुनिक विश्वस्तरीय रेलवे बनाना है तो बहुत धन की आवश्यकता होगी.’
पीयूष गोयल ने कहा कि अमृतसर के लिए 230 करोड़ रुपये के निवेश के साथ योजना बनाई गयी है. उन्होंने कहा कि ऐसे 50 स्टेशनों का मॉडल डिजाइन तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन के सौंदर्यीकरण और आधुनिकीकरण के लिए व्यापक निवेश किया जा रहा है.
रेल मंत्री ने कहा, ‘अगर निजी निवेश भी आए तो देश हित में, यात्रियों के हित में है. निजी क्षेत्र जो सेवाएं देगा, वे भारतीय नागरिकों को मिलेंगी. रोजगार मिलेंगे. देश की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी.’
उन्होंने कहा, ‘सरकार और निजी क्षेत्र जब मिलकर काम करेंगे, तभी देश का उज्ज्वल भविष्य बनाने में सफल होंगे.’ गोयल ने कहा कि पिछले साल सितंबर से इस साल फरवरी तक छह महीने में देश में रेलवे ने हर महीने जितनी माल ढुलाई की है, वह भारतीय रेल के इतिहास में सर्वाधिक है.
यात्रियों की सुरक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि हमने यात्रियों की सुविधा पर काफी ध्यान दिया है इसी की वजह से पिछले दो सालों में किसी भी यात्री की दुर्घटना में मौत की कोई घटना नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि रेलवे दुर्घटना के कारण होने वाली पिछली मौत मार्च 2019 में रिपोर्ट की गई थी.
पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि लोगों ने लॉकडाउन की आलोचना की लेकिन यदि लॉकडाउन नहीं होता तो क्या पूरे देश में ट्रेन सेवाओं के जारी रहने की वजह से कोरोना नहीं फैलता. रेलवे ने करीब 4600 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाईं और करीब 2 करोड़ श्रमिकों को मुफ्त भोजन और पानी की बोतलें दी गईं.
(भाषा और एएनआई के इनपुट के साथ)
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