नयी दिल्ली, 20 जुलाई (भाषा) सेवानिवृत्त और कार्यरत रेल नियंत्रकों के एक संघ ने रेल मंत्रालय द्वारा हाल में लागू किए गए सुधारों की सराहना की लेकिन नियंत्रण विभाग के आधुनिकीकरण के लिए वेतन ग्रेड और विशेष भत्ते बढ़ाए जाने की मांग की है।
ट्रेन नियंत्रण विभाग पर्यवेक्षण का अति महत्वपूर्ण कार्य करता है जिसमें यांत्रिक समस्याओं एवं अन्य घटनाओं की निगरानी करना और सुचारू रेल परिचालन सुनिश्चित करने के लिए सभी विभागों के साथ समन्वय करना शामिल है।
नियंत्रकों ने हालांकि कहा कि पिछले कुछ वर्षों में कई प्रतिकूल निर्णयों के कारण विभाग में प्रतिभाशाली कर्मचारियों की कमी रही है, जिसके परिणामस्वरूप परिचालन संबंधी विभिन्न चुनौतियां उत्पन्न हुई हैं।
रेल मंत्रालय ने उनकी समस्याओं का समाधान करते हुए हाल में सीधी भर्ती, अनिवार्य न्यूनतम कार्यकाल, चयन मानदंडों में बदलाव, प्रशिक्षण एवं कौशल उन्नयन एवं प्रदर्शन की निगरानी समेत कई सुधार लागू किए हैं।
देश भर के नियंत्रकों ने मंत्रालय की पहल पर संतोष व्यक्त किया लेकिन साथ ही कहा कि नियंत्रण विभाग के आधुनिकीकरण के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
भारतीय रेलवे के सेवानिवृत्त एवं सेवारत परिचालन एवं यातायात नियंत्रकों के संघ द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है, ‘‘चूंकि नियंत्रण संवर्ग एक पर्यवेक्षी संवर्ग है और नियंत्रक न केवल परिचालन विभाग के वरिष्ठ अधीनस्थों का पर्यवेक्षण करते हैं बल्कि ट्रेन परिचालन से संबंधित अन्य सभी विभागों का भी पर्यवेक्षण करते हैं इसलिए नियंत्रकों का वेतन ग्रेड फीडर संवर्गों, विशेषकर स्टेशन मास्टर की तुलना में कम से कम दो ग्रेड वेतन अधिक होना चाहिए।’’
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी को संबोधित करते हुए पत्र में कहा गया है कि चूंकि स्टेशन मास्टर और सीधे भर्ती किए गए नियंत्रकों का प्रारंभिक वेतन ग्रेड 4,200 रुपये के समान स्तर पर रखा गया है, इसलिए प्रतिभाशाली युवा स्टेशन मास्टर के पद को प्राथमिकता देते हैं क्योंकि यह प्रशिक्षण के मामले में कम चुनौतीपूर्ण है और विभिन्न सेवा शर्तों के कारण अधिक आकर्षक है।
संघ के महासचिव मनोज कुमार सिन्हा ने कहा, ‘‘किसी संगठन में अनुशासन और किसी भी पद की गरिमा एवं प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए पर्यवेक्षकों और जिनका पर्यवेक्षण किया जाना है, उनके वेतनमान में अंतर होना चाहिए और पर्यवेक्षकों का वेतन अधिक होना चाहिए।’’
नियंत्रकों ने विशेष ट्रेन नियंत्रण भत्ते (एसटीसीए) को मूल वेतन के 30 प्रतिशत तक बढ़ाने या मौजूदा 5,000 रुपये से बढ़ाकर कम से कम 20,000 रुपये मासिक करने की भी मांग की।
भाषा सिम्मी नेत्रपाल
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