(जीवन प्रकाश शर्मा)
नयी दिल्ली, 28 अक्टूबर (भाषा) रेलवे बोर्ड ने बोगी, कपलर और अन्य माल ढुलाई घटकों के विकास के लिए दो सदस्यीय विशेषज्ञ दल को “प्रतिनियुक्ति पर उत्तर अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया” भेजने का फैसला किया है।
विशेषज्ञ दल का एक सदस्य पूर्वी तटीय रेलवे में वित्तीय सलाहकार और मुख्य लेखा अधिकारी है, जबकि दूसरा दक्षिण-पूर्वी रेलवे में वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक है।
रेलवे बोर्ड के 18 अक्टूबर के पत्र के मुताबिक, रेलवे बोर्ड के सदस्य (वित्त) और सदस्य (संचालन एवं व्यवसाय विकास) ने इन दोनों अधिकारियों को नामित किया था।
दोनों रेलवे जोन के महाप्रबंधकों को संबोधित पत्र में कहा गया है, “उपरोक्त अधिकारियों को संलग्न प्रारूप में जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया जाता है, ताकि मामले में आगे की प्रक्रिया शुरू की जा सके।”
हालांकि, विशेषज्ञों के एक वर्ग ने इस कदम की आलोचना की है। उनका कहना है कि निर्धारित टीम में एक गैर-तकनीकी और एक जूनियर यातायात अधिकारी शामिल है।
जिंदल स्टील के पूर्व अध्यक्ष एवं ग्रुप सीएलओ (मुख्य शिक्षण अधिकारी) अनिमेष गुप्ता ने कहा, “नामित टीम के सदस्यों को विभिन्न प्रकार की माल ढुलाई, बोगी संबंधी आवश्यकताओं और उनके इस्तेमाल एवं रखरखाव की स्थितियों के बारे में लगभग शून्य अनुभव है। ऐसे में यह ज्यादा उपयुक्त होता कि रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी, जो वर्तमान नामित टीम से अधिक योगदान दे सकते थे, इस तरह के दौरे पर भेजे जाते।”
गुप्ता के मुताबिक, अगस्त में नयी दिल्ली में आयोजित एसोचैम की एक बैठक के दौरान नयी तरह की बोगी के साथ-साथ रेट्रोफिटिंग लोको और यात्री डिब्बों पर गहन चर्चा की गई थी।
उन्होंने यांत्रिक डिजाइन पहलुओं का अध्ययन करने के लिए गैर-तकनीकी विशेषज्ञों की टीम को विदेश भेजने पर सवाल उठाया।
गुप्ता ने कहा, “क्रिसिल ने ‘विकसित भारत के लिए रेलवे का आधुनिकीकरण’ रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें नये स्मार्ट लोको, टिल्टिंग ट्रेन, वैगन, डिजाइन और आधुनिकीकरण का स्पष्ट जिक्र किया गया है। वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेन के लिए एक नये डिजाइन, एलएचबी (लिंके-हॉफमैन-बुश) पर संक्षेप में चर्चा की गई है।”
भाषा पारुल माधव
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