(जीवन प्रकाश शर्मा)
नयी दिल्ली, 28 अगस्त (भाषा) रेलवे बोर्ड ने अपने विभिन्न जोन से उन सभी ‘नॉन-इंटरलॉक्ड लेवल क्रॉसिंग गेट’ की पहचान करने को कहा है, जिन्हें चौबीसों घंटे ‘सड़क यातायात के लिए खुला’ रखा जा सकता है।
वर्तमान में, ‘नॉन-इंटरलॉक्ड लेवल क्रॉसिंग’ (एलसी) गेट हर समय सड़क यातायात के लिए बंद रहते हैं, चाहे ट्रेन की आवाजाही हो या न हो। इन्हें तभी खोला जाता है, जब कोई वाहन पार करना चाहता हो, बशर्ते उस समय कोई ट्रेन न चल रही हो।
‘नॉन-इंटरलॉक्ड लेवल क्रॉसिंग गेट’ को 24 घंटे सड़क यातायात के लिए खुला रखने के प्रस्ताव का विरोध करते हुए ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन (एआईएसएमए) ने कहा है कि इससे ट्रेनों के सुरक्षित संचालन को खतरा है।
रेलवे बोर्ड ने 23 अगस्त, 2024 को सभी जोनल रेलवे के महाप्रबंधकों को संबोधित एक परिपत्र जारी किया, जिसमें कहा गया है ‘‘नॉन-इंटरलॉक्ड लेवल क्रॉसिंग गेट पर सुरक्षा में सुधार के लिए, ऐसे गेट को ‘सड़क यातायात के लिए खुला’ रखना वांछनीय है।’’
परिपत्र में क्षेत्रीय रेलवे को ऐसे गेट की पहचान करने और समयसीमा सहित कार्य योजना के बारे में बताने को कहा गया है।
आदेश को सरल बनाते हुए रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि इंटरलॉक्ड लेवल क्रॉसिंग गेट वे होते हैं, जहां से ट्रेनों के गुजरने के लिए सिग्नल तभी ग्रीन होता है, जब गेट लॉक होते हैं। इसलिए, गेट के खुलने और बंद होने के साथ सिग्नल के एकीकरण के साथ सुरक्षा पहलुओं का ध्यान रखा जाता है।
अधिकारी ने कहा ‘‘हालांकि, नॉन-इंटरलॉक्ड एलसी गेट में सिग्नल के साथ ऐसा एकीकरण उपलब्ध नहीं है। ऐसे कई गेट हर समय बंद रहते हैं और जब सड़क यातायात को गुजरना होता है, तब खोले जाते हैं। हालांकि, जब ट्रेन गुजरनी होती है, तब यह यातायात के लिए नहीं खुला रहता।’’
उनके अनुसार, मौजूदा मानदंडों में बदलाव के साथ, ये गेट हर समय यातायात के लिए खुले रहेंगे और केवल तभी बंद होंगे, जब ट्रेन गुजरेगी।
आईएसएमए ने कहा कि संशोधन लागू होने के बाद, लेवल क्रॉसिंग गेट को बंद करवाने की जिम्मेदारी स्टेशन मास्टरों पर आ जाएगी, क्योंकि उन्हें ट्रेन के चलने से पहले गेटमैन से संवाद करना होगा और गेट बंद करने का निर्देश जारी करना होगा।
एआईएसएमए के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष हेमराज मीना ने कहा, ‘‘स्टेशन मास्टर की ओर से मानवीय भूल के मामले में यह (वाहन) यातायात के साथ-साथ ट्रेन संचालन के लिए भी असुरक्षित साबित होगा।’’
इस बीच, रेलवे अधिकारियों ने कहा कि बोर्ड द्वारा यह कदम संभवतः स्थानीय निवासियों द्वारा गेटमैन पर हमलों में वृद्धि के कारण उठाया जा रहा है।
मीना ने कहा ‘‘ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें गेट खुलने में देरी होने पर गेटमैन पर स्थानीय लोगों ने हमला किया। हर समय सड़क यातायात के लिए गेट खोलना स्थानीय निवासियों के लिए सुविधाजनक है, लेकिन यह स्टेशन मास्टरों के लिए एक अतिरिक्त जिम्मेदारी होगी, जिनके पास पहले से ही कई अन्य दायित्व हैं।’’
भाषा मनीषा गोला
गोला
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
