अगरतला, 12 फरवरी (भाषा) त्रिपुरा में छात्र संगठनों द्वारा कोकबोरोक भाषा मुद्दे पर ‘अनिश्चितकालीन’ रेल-सड़क नाकेबंदी किए जाने के कारण राज्य के जनजातीय इलाकों में सोमवार को रेल सेवाएं और वाहनों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई।
अधिकारियों ने बताया कि त्रिपुरा सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने भी सोमवार और इसके बाद होने वाली सभी स्नातक तथा स्नातकोत्तर परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘कई स्थानों पर लगाए गए अवरोधों के कारण जनजातीय क्षेत्रों में रेल मार्ग, राष्ट्रीय राजमार्गों और राज्य राजमार्गों पर आवाजाही सुबह से ही बाधित है।’’
जिलाधिकारी (पश्चिम त्रिपुरा) विशा कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘पश्चिम त्रिपुरा जिले में कई स्थानों पर नाकेबंदी की गई। हालांकि, अगरतला नगर निकाय क्षेत्रों (एएमसी) में सामान्य जनजीवन काफी हद तक अप्रभावित रहा।’’
टिपरा इंडिजिनस स्टूडेंट्स फेडरेशन (टीआईएसएफ) और ट्विप्रा स्टूडेंट्स फेडरेशन ने छात्रों को बोर्ड परीक्षाओं में रोमन लिपि में कोकबोरोक भाषा के पेपर लिखने की अनुमति देने की मांग करते हुए नाकेबंदी की घोषणा की थी।
कोकबोरोक इस राज्य के लगभग 24 प्रतिशत लोगों द्वारा बोली जाने वाली एक स्थानीय भाषा है, जिसकी कोई लिपि नहीं है। छात्र आमतौर पर बंगाली लिपि में इस भाषा के पेपर लिखते हैं।
कुमार ने कहा कि छात्र संगठनों के साथ बातचीत शुरू कर दी गई है और ‘लोगों को शाम तक राहत मिलने की संभावना है’।
भाषा सुरेश नेत्रपाल
नेत्रपाल
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