नयी दिल्ली, 13 जनवरी (भाषा) कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सीलमपुर रैली में शामिल हुए लोगों ने इलाके में अनियमित जल आपूर्ति सहित निगम व्यवस्था को लेकर असंतोष जताया।
राहुल गांधी ने सोमवार को उत्तर-पूर्वी दिल्ली क्षेत्र में रैली निकाली और उस समय की याद दिलाई जब शहर पर शीला दीक्षित का शासन था।
दिल्ली में चुनाव से पहले राहुल की पहली रैली उस इलाके में हुई, जो 2020 में सांप्रदायिक हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित था। दंगों में 50 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।
बाबरपुर के रहने वाले अमान खान ने गंदे पानी की शिकायत करते हुए कहा, “आम आदमी पार्टी (आप) का दावा है कि वह दिल्ली के लोगों को साफ पानी की आपूर्ति कर रही है लेकिन इस क्षेत्र के लोग बाजार से पानी खरीदने को मजबूर हैं।’’
जाफराबाद के जैकेट बाजार में काम करने वाले हजरत अली और मोहम्मद फैजी ने कहा कि उन्होंने राहुल की रैली में भाग लेने के लिए आधे दिन की छुट्टी ले ली।
फैजी ने कहा, “हालांकि सरकार मुफ्त बिजली दे रही है लेकिन पानी की गुणवत्ता हमारे लिए एक बड़ी चिंता का विषय है। हम हर दिन बाजार से पानी खरीदते हैं।”
उन्होंने ‘आप’ के बारे में कहा, “हमने पार्टी को दो मौके दिए लेकिन अब हमें लगता है कि इस बार कांग्रेस को मौका दिया जाना चाहिए।”
फैजी ने कहा कि सीलमपुर निर्वाचन क्षेत्र से अब कांग्रेस उम्मीदवार अब्दुल रहमान को ‘विकास कार्यों में सक्रिय होने के बावजूद ‘आप’ ने धोखा दिया।’ पिछले चुनाव में रहमान ने आप के टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीते थे।
कांग्रेस के झंडे वाला कुर्ता पहने एक व्यक्ति ने हाथ में ‘तिरंगा’ लिया हुआ था और उसके गले में गंदे पानी से भरी बोतलों की माला थी।
रैली में महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ी। उन्होंने कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) या ‘आप’ सत्ता में नहीं आती हैं तो उन्हें शहर में ‘शांति’ की उम्मीद है।
सीलमपुर की निवासी आफिया ने कहा, “हमने देखा है कि मणिपुर में महिलाओं के साथ क्या हुआ। हम नहीं चाहते कि हमारे देश में कहीं भी ऐसा हो। हम एक ऐसा राष्ट्र चाहते हैं, जहां हम बिना किसी डर के और पूरी आजादी के साथ रह सकें।”
कांग्रेस द्वारा सत्ता में आने पर सभी महिलाओं को 2,500 रुपये देने के वादे का स्वागत करते हुए सीलमपुर की रहने वाली एक महिला सादिया ने कहा, “इससे राष्ट्रीय राजधानी की महिलाओं को सशक्त बनाया जा सकेगा।”
उन्होंने कहा, “हमें लगता है कि ‘आप’ ने जो वादा किया था, वह उसे पूरा करने और क्षेत्र के विकास में विफल रही। कांग्रेस जब सत्ता में थी तो विकास कार्य किये थे। हालांकि उनके पास शीला दीक्षित जैसा कोई नेता नहीं है, फिर भी हमें लगता है कि वे दिल्ली को बेहतर तरीके से चलाएंगे।”
भाषा जितेंद्र धीरज
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