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शनिवार, 7 जून, 2025
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राहुल को ‘हार की काली छाया’ से बाहर निकलने की जरूरत : बावनकुले

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नागपुर, सात जून (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर राज्य विधानसभा चुनावों में धांधली और ‘‘मैच फिक्सिंग’’ के आरोप लगाने के लिये निशाना साधते हुए कहा कि जब तक वह ‘‘हार की काली छाया’’ से बाहर नहीं निकलेंगे, तब तक उनकी पार्टी आगे नहीं बढ़ेगी।

बावनकुले ने राहुल गांधी से आत्मनिरीक्षण करने का आह्वान करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता और महा विकास आघाडी (एमवीए)के लोग 2024 के लोकसभा चुनावों में राज्य में अपने अच्छे प्रदर्शन के बाद अति आत्मविश्वास में आ गए और घर-घर जाकर प्रचार करने तथा जनसंपर्क जैसे चुनावी मूल सिद्धांतों को भूल गए। कांग्रेस महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन एमवीए का घटक दल है।

राहुल गांधी ने ‘दैनिक जागरण’ और ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ अखबार में प्रकाशित लेख की तस्वीर शनिवार को साझा करते हुए लिखा, ‘‘चुनाव की चोरी का पूरा खेल! 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लोकतंत्र में धांधली का ब्लूप्रिंट था।’’

सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर गांधी ने चुनाव में कथित अनियमितता के बारे में चरणबद्ध तरीके से बताया है कि कैसे मतदाता सूची में फर्जी मतदाता जोड़े गए, मतदान प्रतिशत बढ़ा चढ़ा कर दिखाए गए, फर्जी मतदान कराए गए और बाद में सबूत छिपाए गए।

उन्होने आरोप कि लगाया कि 2024 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव ‘‘लोकतंत्र में धांधली का ब्लूप्रिंट’’ था। उन्होंने कहा कि यह ‘‘मैच फिक्सिंग’’ अब बिहार में भी दोहराई जाएगी और फिर उन जगहों पर भी ऐसा ही किया जाएगा, जहां-जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हार रही होगी।

राहुल गांधी ने लिखा, ‘‘मैंने अपने लेख में चरण दर चरण विस्तार से बताया है कि कैसे यह साजिश रची गई : चरण 1: निर्वाचन आयोग की नियुक्ति करने वाली समिति पर कब्जा किया गया। चरण 2: फर्जी मतदाताओं को सूची में जोड़ा गया। चरण 3: मतदान प्रतिशत बढ़ा-चढ़ाकर दिखाए गए। चरण 4: जहां भाजपा को जिताना था, वहां लक्षित करके फर्जी मतदान कराया गया। चरण 5: सबूतों को छिपा दिया गया।’’

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के आरोपों के बारे में पूछे गए सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के मंत्री बावनकुले ने कहा कि कांग्रेस नेता को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए था।

भाजपा नेता ने कहा, ‘‘राहुल गांधी और एमवीए 31 सीटें (महाराष्ट्र में लोकसभा की) जीतने के बाद अति आत्मविश्वास में आ गए थे, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 2024 के लोकसभा चुनावों में राज्य में 17 सीटें हासिल की थीं। वे अति आत्मविश्वास में आ गए, जिसके परिणामस्वरूप घर-घर जाकर संपर्क करने और लोगों से मिलने जैसे चुनावी बुनियादी सिद्धांतों को भूल गए।’

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के लोगों ने ‘महायुति’ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के काम पर भरोसा किया। भाजपा नेता के मुताबिक, लोकसभा चुनाव में एमवीए को 2.50 करोड़ मत मिले, जबकि महायुति को 2.48 करोड़ वोट मिले। हालांकि, विधानसभा चुनाव में महायुति को 3.17 करोड़ मत मिले, जबकि एमवीए को 2.17 करोड़ मतों से संतोष करना पड़ा।

बावनकुले ने कहा, ‘‘राहुल गांधी को समझना चाहिए कि एमवीए ने लोकसभा चुनाव की तुलना में 33 लाख मत खो दिए। उन्हें अध्ययन करना चाहिए कि 2009 की मतदाता सूची के अनुसार, लोकसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र में 7.29 करोड़ मतदाता थे, जबकि उसी साल हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मतदाताओं की संख्या बढ़कर 7.59 करोड़ हो गई थी। उस समय केंद्र और राज्य में उनकी सरकार थी। तो ये 30 लाख मतदाता कैसे बढ़ गए?’’

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उस समय निर्वाचन आयोग ने घर-घर जाकर मतदाताओं का पंजीकरण किया था और इस बार भी मतदाता सूचियों को उसी प्रक्रिया से दुरुस्त किया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी बेचैन हो गए हैं और वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकास एजेंडे पर बात नहीं कर सकते। मुझे लगता है कि जब तक वह हार की काली छाया से बाहर नहीं निकलेंगे, तब तक उनकी पार्टी आगे नहीं बढ़ेगी।’’

भाषा धीरज दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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