हाथरस: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हाथरस में भगदड़ की घटना के बाद मारे गए लोगों के परिजनों से शुक्रवार सुबह को मुलाकात की. पीड़ित परिवारों से मिलने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि यह दुख की बात है कि इतने परिवारों को कष्ट सहना पड़ा, इतने लोगों ने अपनी जान गंवा दी.
इस संबंध में आगे उन्होंने कहा कि वह इस मामले को ‘राजनीतिक’ रंग नहीं देना चाहते लेकिन इस मामले में प्रशासन की ओर से चूक हुई.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैं राजनीतिक नजरिए से बात नहीं करना चाहता, लेकिन प्रशासन की ओर से कुछ चूक हुई है.’’
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के फुलरई गांव में दो जुलाई को एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई तथा कई अन्य घायल हो गए.
राहुल गांधी सुबह दिल्ली से सड़क मार्ग से हाथरस के लिए रवाना हुए थे. उनके साथ कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष अजय राय, पार्टी की प्रदेश इकाई के प्रभारी अविनाश पांडेय, पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत और अन्य पदाधिकारी भी थे. वह सुबह करीब नौ बजे हाथरस के विभव नगर कॉलोनी के ग्रीन पार्क पहुंचे.
पार्क के अंदर परिवारों से बातचीत के दौरान गांधी के साथ राय और स्थानीय जिला अध्यक्ष चंद्रगुप्त विक्रमादित्य भी मौजूद थे.
हाथरस जाते हुए राहुल गांधी अलीगढ़ भी रुके और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की.
एक व्यक्ति नितिन ने कहा, “राहुल गांधी ने हमारा कुशलक्षेम पूछा और हमें हर तरह की सहायता पहुंचाने का आश्वासन दिया. हमने उनसे इस मुद्दे को पार्लियामेंट में उठाने के लिए भी कहा ताकि इस तरह की घटना दोबारा न घटित हो.”
वहीं मृतका शांति देवी की पुत्री लता ने कहा कि वह सुबह से ही राहुल गांधी का अपने घर पर आने का इंतज़ार कर रही थी लेकिन वह नहीं आए बल्कि उसके परिवार के कुछ लोगों को मिलने के लिए किसी और के घर बुलाया गया.
(भाषा इनपुट के साथ)
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