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Monday, 25 November, 2024
होमदेश'सूर्य, चंद्रमा और सच्चाई कभी नहीं छुपते', मानहानि मामले में राहुल की सजा पर रोक के बाद बोलीं प्रियंका

‘सूर्य, चंद्रमा और सच्चाई कभी नहीं छुपते’, मानहानि मामले में राहुल की सजा पर रोक के बाद बोलीं प्रियंका

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि न्याय मिल गया है. लोकतंत्र की जीत हुई है. संविधान को बरकरार रखा गया है. गांधी के खिलाफ भाजपा की साजिशपूर्ण प्रताड़ना पूरी तरह से उजागर हो गई है.

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नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक अंतरिम आदेश में ‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगा दी.

जहां एक तरफ कोर्ट से बाहर निकलते हुए राहुल गांधी को मुस्कुराते और हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन करते देखा गया वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कांग्रेस के विभिन्न नेता फैसले को सच्चाई की जीत बताकर राहुल गांधी को बधाई देने लगे.

प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट करते हुए कहा कि “तीन चीजें ज्यादा देर तक छुप नहीं सकतीं: सूर्य, चंद्रमा और सच्चाई.”

उन्होंने आगे कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय को न्यायपूर्ण फैसला देने के लिए धन्यवाद.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, न्याय मिल गया है. लोकतंत्र की जीत हुई है. संविधान को बरकरार रखा गया है. गांधी के खिलाफ भाजपा की साजिशपूर्ण प्रताड़ना पूरी तरह से उजागर हो गई है.”

खरगे ने आगे कहा, उनके लिए विपक्षी नेताओं को दुर्भावनापूर्ण निशाना बनाना बंद करने का समय आ गया है. अब समय आ गया है कि वे लोगों द्वारा दिए गए जनादेश का सम्मान करें और देश पर शासन करना शुरू करें, जिसमें वे पिछले 10 वर्षों में बुरी तरह विफल रहे हैं.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, राहुल गांधी पर मानहानि के मुकदमे में सजा पर रोक का सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागतयोग्य है. यह सच्चाई एवं न्याय की जीत है.

फैसले को INDIA की जीत बताते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, “अगर सत्य आधार हो तो अंधकार चाहे भारी हो या समंदर पार हो, रोशनी की हमेशा जीत होती है.”

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा, भाजपा की मशीनरी के अथक प्रयासों के बावजूद,
राहुल गांधी ने न्यायिक प्रक्रिया में अपना विश्वास बनाए रखा और झुकने एवं टूटने से इनकार कर दिया था.

उन्होंने आगे कहा, “यह भाजपा और उसके समर्थकों के लिए एक सबक है. आप अपना सबसे बुरा काम कर सकते हैं लेकिन हम पीछे नहीं हटेंगे. हम एक सरकार और एक पार्टी के रूप में आपकी विफलताओं को उजागर करना जारी रखेंगे. हम अपने संवैधानिक आदर्शों को कायम रखेंगे और अपनी संस्थाओं में विश्वास बनाए रखेंगे जिन्हें आप इतनी बेताबी से नष्ट करना चाहते हैं.”

शीर्ष अदालत ने इससे पहले दिन में कांग्रेस नेता द्वारा गुजरात हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई शुरू की, जिसने आपराधिक मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.

शीर्ष अदालत ने राहुल गांधी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी से कहा कि उन्हें सजा पर रोक लगाने के लिए एक असाधारण मामला बनाना होगा.


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नफरत के बाजार में मोहब्बत

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने ट्वीट किया, नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खुल गई. यह जीत सच्चाई की जीत है. देश की सर्वोच्च अदालत का आभार.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सज़ा पर रोक लगाते हुए कहा, इसमें कोई संदेह नहीं है कि बयान अच्छे मूड में नहीं होते हैं, सार्वजनिक जीवन में व्यक्ति से सार्वजनिक भाषण देते समय सावधानी बरतने की उम्मीद की जाती है. जैसा कि इस कोर्ट ने अवमानना याचिका में उनके हलफनामे को स्वीकार करते हुए कहा, उन्हें (राहुल गांधी) अधिक सावधान रहना चाहिए था.’’

हौसलों और उम्मीदों की जीत

रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया, “आज़ न्याय के चौखट पर सच्चाई की ताकत से, करोड़ों देशवासियों के हौसलों और उम्मीदों की जीत हुई! डरपोक तानाशाह’ की लाख कोशिशों और साजिशों के बावजूद, देश के लोकतंत्र और संविधान के सच्चे रखवाले की जीत हुई.”

बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा के झूठ, लूट, नफ़रत और बंटवारे की राजनीति के खिलाफ लगातार देश की आवाज बनकर गूंजने वाले राहुल गांधी अब फ़िर से संसद में भी सच को बुलंद करेंगे.

सुरजेवाला ने कहा, “जो ये सोचते थे कि राहुल जी की संसद सदस्यता छीनकर और खुद संसद से भागकर, देश की आवाज़ दबा देंगे..उनके लिए एक बड़ा सबक है!”

बता दें कि गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर 2019 के मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सज़ा सुनाई थी.

फैसले के बाद गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था.

किसी से नहीं डरते

मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक के बाद कांग्रेस ने राहुल के पक्ष में एक के बाद एक ट्वीट किया, सच बोलने वाले किसी से नहीं डरते… डरो मत.

कांग्रेस ने एक और ट्वीट कर कहा, यह नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत है.

फैसले के बाद गांधी की सजा पर रोक के साथ साथ अब वे संसद भी जा सकेंगे, इसी पर ट्वीट करते हुए कांग्रेस ने कहा, “आ रहा हूं… सवाल जारी रहेंगे…”


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