नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एनआरसी-एनपीआर के मुद्दे पर मोदी सरकार को निशाने पर लिया. गांधी ने एनआरसी या एनपीआर को नोटबंदी की तरह गरीबों पर एक कर, एक हमला बताया. गांधी आज यहां रायपुर के सांइस कॉलेज मैदान में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का उद्घाटन करने के बाद वहां मौजूद लोगों को संबोधित कर रहे थे. कार्यक्रम में पहुंचे कांग्रेस नेता ने आदिवासियों के पारंपरिक वेश-भूषा और उनके वाद्ययंत्र के साथ नृत्य में भी हिस्सा लिया.
Shri @RahulGandhi addressed the crowd at the inauguration of Rashtriya Adivasi Nritya Mahotsav, Chhattisgarh.#CGTribalFest2019 pic.twitter.com/FLpjDYNIeU
— Congress (@INCIndia) December 27, 2019
राहुल ने एनआरसी या एनपीआर की बात करते हुए कहा, ‘यह गरीबों पर एक कर है, नोटबंदी गरीबों पर एक कर था. यह गरीब लोगों पर हमला है, अब गरीब पूछ रहा है कि हमें नौकरी कैसे मिलेगी?’
कांग्रेस नेता ने आदिवासियों को अपनी राज्य की सरकार तवज्जो देने की बात करते हुए कहा, ‘मैं चाहता हूं कि आदिवासियों की आवाज सुनी जाय और आपके विचार छत्तीसगढ़ के शासन में शामिल किए जाएं.’
उन्होने कहा कि कार्यक्रम में अलग-अलग देशों और हिंदुस्तान के विभिन्न प्रदेशों से आदिवासी भाई-बहन आए हैं. ये बहुत अच्छा कदम है, हमें इसे और आगे ले जाना है.
राहुल ने कहा कि आदिवासी बहुत सारी समस्याएं झेलते हैं लेकिन उन्हें खुशी है कि आदिवासियों की आवाज छत्तीसगढ़ में सुनी जा रही है. चाहे वह तेंदू पत्ते, भूमि लौटाने या कुपोषण के बारे में हो.
देश के हालात पर बोलते हुए गांधी ने कहा कि आज देश की हालत सबको पता है. किसानों की आत्महत्याएं, बदहाल अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी ये सब समस्याएं हैं.
उन्होंने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी जैसे गलत फैसलों ने अर्थव्यवस्था की कोई मदद नहीं की, रोजगार पैदा नहीं हुआ. राहुल ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि छत्तीसगढ़ में हम सबको साथ ला रहे हैं और राज्य को आगे ले जा रहे हैं.’
इस एकजुटता का फर्क स्पष्ट दिखता है. प्रदेश में हिंसा कम हुई है; अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही है. क्योंकि, भाई को भाई से लड़ाकर कभी देश का फायदा नहीं हो सकता. ‘हमारा लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ में सब लोग मिलकर एक साथ आगे बढ़ें.’
मैं स्पष्टता से कहना चाहता हूं कि जब तक देश के सभी लोगों को एक साथ जोड़ा नहीं जाता, ये समस्याएं नहीं मिटेगी.
कांग्रेस नेता ने कहा कि पहले दुनिया कहती थी कि भारत और चीन एक ही गति से बढ़ रहे हैं, लेकिन अब दुनिया भारत में हिंसा देख रही है, महिलाएं सड़कों पर सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं और बेरोजगारी बढ़ रही है.
राहुल ने इस दौरान आदिवासियों के पारंपरिक वेश-भूषा में और वाद्ययंत्र को बजाते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और अन्य के साथ नृत्य में हिस्सा लिया.
कार्यक्रम के शुभारंभ के मौके पर विभिन्न राज्यों और देशों से आए आदिवासी कलाकारों ने आकर्षक मार्च पास्ट किया. आदिवासी नृत्य महोत्सव में राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ मान्दर बजाकर आदिवासी नृतक दल के साथ नृत्य कर उनका उत्साहवर्धन किया.
कार्यक्रम के दौरान पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीराकुमार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, बघेल मंत्रिमंडल के सदस्य, भारत में यूनाइटेड नेशन मिशन की चीफ यूएन रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर रेनाटा लोक डेसालियन और राज्य के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
छत्तीसगढ़ में पहली बार राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. तीन दिवसीय इस नृत्य महोत्सव में देश के 25 राज्य और केन्द्रशासित प्रदेशों के साथ ही छह देशों के लगभग 1,800 से अधिक प्रतिभागी अपनी जनजातीय कला और संस्कृति का प्रदर्शन करेंगे.
इस महोत्सव में 39 जनजातीय प्रतिभागी दल चार विभिन्न विधाओं में 43 से अधिक नृत्य शैलियों का प्रदर्शन करेंगे.
(न्यूज एजेंसी भाषा के इनपुट्स के साथ)