scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमदेशनिर्भया मामले पर आए फैसले से महिलाओं का विश्वास बहाल होगा, तिहाड़ जेल ने यूपी से मांगे जल्लाद

निर्भया मामले पर आए फैसले से महिलाओं का विश्वास बहाल होगा, तिहाड़ जेल ने यूपी से मांगे जल्लाद

तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने यूपी की जेलों को लिखा है कि उन्हें जल्लाद की जरूरत है. अधिकारियों ने चारों आरोपियों की फांसी की सजा का समय और तारीख भी उन्हें बताई है.

Text Size:

नई दिल्ली: निर्भया की मां आशा देवी ने मंगलवार को कहा कि उनकी बेटी के दोषियों को फांसी दिए जाने से कानून में महिलाओं का विश्वास बहाल होगा. उन्होंने कहा कि 22 जनवरी उनके लिए एक बड़ा दिन होगा जब दोषियों को फांसी दी जाएगी.

दिल्ली की एक अदालत ने कहा कि 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के चार दोषियों को तिहाड़ जेल में 22 जनवरी को सुबह सात बजे फांसी दी जाएगी.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘निर्भया रेप के दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी होने पर लोगों को कुछ संतोष हुआ. 7 साल लग गए. इस व्यवस्था को बदलना होगा. ऐसी व्यवस्था लागू करनी होगी कि बलात्कारियों को 6 महीनों में फांसी होनी चाहिए.’

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि देश भर के लोग इसका इंतजार कर रहे थे.

उन्होंने कहा, ‘पूरे देश के लोग इसका इंतजार कर रहे थे. यह कानून की जीत है. मुझे खुशी है कि निर्भया के परिवार, वकीलों की मेहनत रंग लाई.’

तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने यूपी की जेलों को लिखा है कि उन्हें जल्लाद की जरूरत है. अधिकारियों ने चारों आरोपियों की फांसी की सजा का समय और तारीख भी उन्हें बताई है.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने जिन चार दोषियों के खिलाफ यह आदेश जारी किया है उनमें मुकेश, विनय शर्मा, अक्षय सिंह और पवन गुप्ता शामिल हैं.

निर्भया के आरोपियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट में एक या दो दिन में याचिका डालेंगे. जिसकी सुनवाई कोर्ट के 5 वरिष्ठ जज करेंगे. इस केस में शुरूआत से ही मीडिया, लोगों और राजनीतिक दबाव रहा है. इस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं हुई है.

कांग्रेस सांसद सुस्मिता देव ने कहा कि निर्भया को न्याय मिल गया है. अगर निर्भया जैसे मामले में जो कि स्पष्ट मामला था उसमें 7 साल लग जाते हैं तो उन मामलों का क्या होगा जिसमें स्थिति स्पष्ट नहीं है. राजनीतिक लोगों और कानूनी समुदाय को सोचने की जरूरत है कि समस्या कहां पर है.

निर्भया के पिता बद्रीनाथ सिंह ने कहा कि हम कोर्ट के फैसले से खुश हैं. इस फैसले से लोगों के मन में डर बनेगा जिससे वो ऐसा काम फिर से नहीं कर पाएंगे.

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि ये फैसले देश की सभी निर्भया के लिए जीत है. मैं निर्भया के परिजनों को सलाम करती हूं जिन्होंने 7 सालों तक लड़ाई लड़ी. दोषियों को सज़ा सुनाने में 7 साल क्यों लग गए? क्यों इस मामले में कम समय नहीं लगा?

पंजाब महिला आयोग की अध्यक्ष मनीषा गुलाटी ने भी कोर्ट के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा ये काफी अच्छा फैसला है और मैं इसका सम्मान करती हूं. इससे निर्भया की आत्मा को शांति मिली होगी. आज सभी बेटियों को न्याय मिला है.

share & View comments