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Friday, 18 July, 2025
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प्रश्नकाल सरकार की जवाबदेही तय कराने वाले गिने-चुने बचे विकल्पों में से एक हैः ओब्रायन

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नयी दिल्ली, 18 जुलाई (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डेरेक ओब्रायन ने शुक्रवार को कहा कि प्रश्नकाल विपक्ष के पास सरकार को जवाबदेह ठहराने के लिए अब भी उपलब्ध कुछ विकल्पों में से एक है।

राज्यसभा में तृणमूल के नेता ने एक ‘ब्लॉगपोस्ट’ में कहा कि विपक्षी दलों की मांग के अनुसार, पहलगाम आतंकवादी हमले और उसके बाद की घटनाओं पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र नहीं बुलाया गया, क्योंकि सरकार को कठिन सवालों का सामना करना पड़ता।

ओब्रायन का कहना है कि आगामी सोमवार से शुरू होने वाले मानसून सत्र की तारीखों की घोषणा सत्र से 45 दिन पहले की गई थी, जबकि आमतौर पर सत्रों के कार्यक्रम 18 से 20 दिन पहले घोषित किए जाते हैं।

तृणमूल नेता ने आरोप लगाया कि सरकार दिसंबर, 2023 से विपक्ष द्वारा प्रस्तावित एक भी चर्चा (किसी भी नियम के तहत) की अनुमति देने से कतराती रही है।

उन्होंने सवाल किया, ‘‘एक संदिग्ध रिकॉर्ड है। आगामी 21 दिवसीय सत्र में हम क्या उम्मीद कर सकते हैं?’’

ओ’ब्रायन ने कहा, ‘‘पिछले डेढ़ साल से महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा के लिए नोटिस स्वीकार नहीं किए जाने के कारण, प्रश्नकाल हमारे संसदीय लोकतंत्र में इस सरकार को जवाबदेह ठहराने के लिए उपलब्ध कुछ विकल्पों में से एक है।’’

भाषा हक हक पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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