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Monday, 18 November, 2024
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कश्मीर में जामिया के छात्र पर एफआईआर दर्ज़, क्वारेंटाइन केंद्र की ‘खराब स्थिति’ की फोटो की थी शेयर

पुलवामा पुलिस का कहना है कि जामिया के पीएचडी छात्र हाथापाई करने में संलिप्त थे जिसके बाद उसपर एफआईआर दर्ज़ की गई है.

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श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा क्षेत्र में प्रशासन ने गुरुवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पीएचडी स्कॉलर पर एफआईआर दर्ज़ की है. जामिया के छात्र ने क्वारेंटाइन केंद्र की स्थिति को लेकर शिकायत की थी जहां पर वो अभी मौजूद है.

अधिकारियों ने कहा कि औवेस मंज़ूर पर एफआईआर इसलिए की गई थी क्योंकि वो कथित तौर पर सरकारी मुलाज़िमों से पुलवामा के क्वारेंटाइन केंद्रों में उलझने की कोशिश कर रहा था.

अधिकारियों के अनुसार हाथापाई के पीछे का कारण ये था कि मंज़ूर क्वारेंटाइन में ठीक से नहीं रह रहा था बल्कि बिना मतलब के केंद्र की तस्वीरें ले रहा था.

मंज़ूर की फेसबुक पर 28-29 मार्च को डाली गई तस्वीरें केंद्र की है जो वहां की स्थिति को उजागर कर रही है.

मंज़ूर ने 28 मार्च को लिखा, ‘मैं 20 मार्च को दिल्ली से अपने घर पहुंचा. दिल्ली में, मैं जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पीएचडी कर रहा हूं. मेरी और कोई यात्रा का इतिहास नहीं है. यहां पहुंचने पर मैंने स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों को इसकी सूचना दी जिन्होंने मुझे क्वारेंटाइन की सलाह दी. यहां आठ दिन से ज्यादा हो चुके हैं. आज मुझे जिला प्रशासन की तरफ से एक कॉल आता है जो मुझे पुलवामा स्थित सोलेस इंटरनेशनल स्कूल में बने क्वारेंटाइन केंद्र में ले जाना चाहते हैं. मैंने इस स्तर तक प्रशासन का पूरी तरह से सहयोग किया. लेकिन केंद्र पहुंचने के बाद मैंने खुद को पहले से ज्यादा खतरे में पाया. एक कमरे में छह लोग थे. वहां रखे बिस्तर का पहले भी कोई इस्तेमाल कर चुका था. इस कमरे में रह रहे चार लोग तबलीग़ी जमात से संबंधित थे जिनके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं थी’.

इसके अगले ही दिन मंज़ूर ने इस केंद्र की कुछ और तस्वीरें भी साझा की जो यहां की खराब स्थिति जहां हर जगह कूड़ा फैला हुआ है और वॉशरुम की खराब स्थिति को दिखा रही थी.


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मंज़ूर ने लिखा, मेरी चिंता बिल्कुल स्पष्ट है- ‘यहां हम तकरीबन 40 लोग रह रहे हैं और सभी एक ही वॉशरुम का इस्तेमाल कर रहे हैं. एक कमरे में छह लोग रह रहे हैं. कोई भी सामान्य व्यक्ति ये समझ सकता है कि इस तरह की लापरवाही संक्रमण की आशंकाओं को बढ़ा ही रही है. यहां तक की सोने के लिए कंबल भी नहीं है. कल्पना कर सकते हैं कि सर्दी के मौसम में एक छोटे से चादर में कैसे सोया जा सकता है. हम ठंड से जूझ रह रहे हैं. ऐसी स्थिति में किसी भी अन्य चीज़ों के मुकाबले हम भूख और ठंड से जरूर मर जाएंगे.’

‘उसका मोबाइल फोन छीन लिया, तब से उससे कोई संपर्क नहीं हो पाया है’

मंज़ूर के करीबी मित्र ने दिप्रिंट को बताया कि जब से उसके द्वारा साझा की गई पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है उसके बाद उसे जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के पास ले जाया गया जहां उसे कथित तौर पर मारा भी गया. ‘उसका मोबाइल फोन भी छीन लिया गया और तब से हम उससे संपर्क नहीं कर पा रहे हैं.’ यह बात मंज़ूर के दोस्त ने नाम न बताने की शर्त पर कही.

जब दिप्रिंट ने प्रशासन पर लगे आरोपों पर उनसे बात की तो उन्होंने ऐसे आरोपों को खारिज कर दिया. हालांकि प्रशासन ने एफआईआर दर्ज़ करने की बात की पुष्टि की है.

पुलवामा के एसपी आशीष मिश्रा ने कहा, ‘हमें शिकायत मिली थी और उसी पर एफआईआर दर्ज़ की गई है.’

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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