नयी दिल्ली, 20 मार्च (भाषा) आस्ट्रेलिया ने रविवार को कहा कि ‘क्वाड’ के सदस्य देशों ने यूक्रेन संकट पर भारत के रुख को स्वीकार किया है और यह जाहिर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस युद्धग्रस्त देश (यूक्रेन) में संघर्ष को खत्म करने की अपील करने के लिए अपने संपर्कों का उपयोग कर रहे हैं।
भारत में नियुक्त आस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त बैरी ओ फारेल का यह बयान मोदी और आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की सोमवार को होने वाली डिजिटल शिखर बैठक से एक दिन पहले आया है। बैठक के दौरान दोनों नेताओं के यूक्रेन में स्थिति पर चर्चा करने की संभावना है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘क्वाड देशों ने भारत के रुख को स्वीकार किया है। हम समझते हैं कि हर देश का एक द्विपक्षीय संबंध है और यह विदेश मंत्रालय तथा प्रधानमंत्री मोदी की खुद की इन टिप्पणियों से स्पष्ट है कि उन्होंने संकट को खत्म करने की अपील करने के लिए अपने संपर्कों का उपयोग किया है। ’’
दरअसल, यूक्रेन में रूसी आक्रमण पर भारत के रुख और इसके (भारत के) द्वारा रूस से रियायती दर पर कच्चा तेल खरीदने पर पश्चिमी देशों में बेचैनी बढ़ने के बारे में आस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त से सवाल किया गया था।
इससे अलग, कूटनीतिक सूत्रों ने कहा कि यूक्रेन में रूसी हमलों पर भारत का रुख 1957 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा अपनाई गई उस नीति से प्रेरित नजर आता है, जिसके मुताबिक भारत निंदा करने का काम नहीं करता है और यह टकराव के समाधान की गुंजाइश बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है।
एक सूत्र ने कहा, ‘‘यूक्रेन में जो कुछ हो रहा है उसका समर्थन करने का भारत पर किसी ने आरोप नहीं लगाया है। भारत जो कुछ करने की कोशिश करता नजर आ रहा है वह 65 साल पहले नेहरू द्वारा तैयार की गई नीति के अंतर्गत ही है। ’’
भाषा
क्वाड के सदस्य देशों में भारत, जापान, आस्ट्रेलिया और अमेरिका शामिल हैं। सुभाष नरेश
नरेश
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