नयी दिल्ली, 10 मार्च (भाषा) दिल्ली में पहली बार ऐसी व्यवस्था की गयी है कि लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के वरिष्ठ अधिकारी अब शहर की अलग-अलग सड़कों/सड़क खंडों की निगरानी और उनका रखरखाव सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
विभाग के एक इन वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में सड़कों की खराब स्थिति से निपटने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि अधीक्षण अभियंता स्तर तक लोक निर्माण विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को विभाग की कम से कम एक सड़क को गोद लेने के लिए नियुक्त किया जाए।
अधिकारी ने कहा, ‘‘यह देखा गया है कि दिल्ली में पीडब्ल्यूडी सड़कें ‘कैरीज्वे (एकतर मार्ग)’, और फुटपाथ (पैदल चलने वालों के निर्मित क्षेत्र) रखरखाव जैसे मुद्दों के कारण सही हालत में नहीं हैं। इन मुद्दों से निपटने के लिए अधीक्षण अभियंता के पद तक पीडब्ल्यूडी के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को अपनी पसंद की कम से कम एक पीडब्ल्यूडी सड़क को अपनाने का निर्देश देने और उसकी देखभाल की जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया गया है।’’
अधिकारियों के नाम वाला एक ‘एक्सेल शीट’ साझा किया गया है और अधिकारियों से सात दिनों में अपनी पसंद की सड़क/सड़क खंड बताने को कहा गया है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘इसके बाद, एक अधिकारी को इसकी निगरानी करने और संबंधित कार्यान्वयन अधिकारियों को जरूरी सूचनाएं प्रदान करने के लिए एक सड़क/सड़क खंड आवंटित किया जाएगा। यह प्रतिक्रिया ‘ई-मॉनिटरिंग ऐप’ पर साझा की जाएगी और अनुपालन के लिए उसका अनुसरण किया जाएगा।’’
इस पहल का उद्देश्य नियमित निगरानी और रखरखाव प्रयासों में वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल करके पीडब्ल्यूडी के अधिकार क्षेत्र के तहत सड़कों की समग्र स्थिति में सुधार करना है।
इस महीने के प्रारंभ में पीडब्ल्यूडी ने दिल्ली भर में 7,000 गड्ढों को भरने के लिए 30 अप्रैल की समय सीमा तय की थी।
हाल में दिल्ली विधानसभा चुनाव में सड़कों की खराब हालत एक अहम मुद्दा रही। नवगठित भाजपा सरकार में लोक निर्माण विभाग का प्रभार मंत्री प्रवेश साहिब सिंह के पास है।
भाषा राजकुमार नरेश
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