नई दिल्ली: भारतीय बैंडमिंटन खिलाड़ी 24 वर्षीय पीवी सिंधु को इस बार का बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन ऑफ द ईयर 2019 चुना गया है. पीवी सिंधु को यह सम्मान दुनिया भर के प्रशंसकों द्वारा सबसे अधिक वोटिंग मिलने के कारण दिया गया है. सिंधु का चयन पांच प्रतिभागियों के बीच किया गया.
बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन ऑफ द ईयर का सम्मान पाकर पीवी सिंधु ने कहा.’ मैं बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन ऑफ द ईयर टीम का धन्यवाद कहना चाहूंगी. मैं यह अवार्ड पाकर बहुत खुश हूं. मैं बीबीसी इंडिया की इस पहल के लिए और मेरे सारे फैंस को भी धन्यवाद कहना चाहती हैं.
सिंधु ने आगे कहा, ‘मैं यह सम्मान अपने समर्थकों और फ़ैन्स को समर्पित करना चाहती हूं, जो हमेशा मेरा समर्थन करते रहे हैं और इस प्रतियोगिता में मेरे लिए वोट किया है.
सिंधु ने कहा, ‘बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर जैसे अवॉर्ड्स हमें प्रेरित करते हैं, हमें और बेहतर करने के लिए उत्साहित भी करते हैं. सभी युवा महिला खिलाड़ियों को मेरा यही संदेश होगा कि हम महिलाओं को अपने आप पर भरोसा करना होगा. सफलता की चाभी कड़ी मेहनत है. मुझे भरोसा है कि जल्दी ही और भी भारतीय महिला खिलाड़ी देश के लिए पदक जीतेंगी.’
अबतक पांच बार वर्ल्ड चैंपियनशिप मेडल अपने नाम कर चुकीं सिंधु देश की पहली बेडमिंटन खिलाड़ी हैं जिन्होंने सिंगल्स खेलकर ओलंपिक में रजत पदक जीता है.
पिछले साल पीवी सिंधु ने स्विट्ज़रलैंड में बैडमिंटन की विश्व चैंपियनशिप भी जीती थी और ऐसा करने वाली वो पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं.
पीटी उषा को याद आया अपना जमाना
इस मौके पर एथलीट और भारत में उड़न परी के नाम से प्रसिद्ध पीटी ऊषा को भारत में महिला खेलों में अहम योगदान के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट सम्मान से सम्मानित किया गया. इस मौके पर पीटी ऊषा ने कहा, ‘जब मैंने अपना करियर शुरू किया था तब हमारे पास सुविधाएं नहीं हुआ करती थीं, मैं रेलवे ट्रैक के साथ और समुद्र के बीच पर प्रैक्टिस करती थी.
उन्होंने कहा,’ मेरे समय से अभी तक बहुत बदलाव आया है, मैं बीबीसी द्वारा की गई इस शुरुआत से काफी खुश हूं. इस तरह की शुरुआत युवा खिलाड़ियों को खेल के प्रति और आकर्षित करती हैं.
पीटी ऊषा ने अपनी जिंदगी में बड़ी- बड़ी चुनौतियों को पार किया है. पीटी उषा ने अपने करियर में 100 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मेडल जीते थे. इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन ने उन्हें सदी की बेस्ट स्पोर्ट्स वुमन का सम्मान दिया है. 1984 में हुए लॉस एंजेलेस में हुए ओलंपिक में वह बहुत करीबी प्रतियोगिता में हार गई थीं. 400 महिला बाधा दौर में वह कांस्य पदक लेने से चूक गई थीं.
बीबीसी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में कई दिग्गज लोग, खिलाड़ी, पत्रकार और गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे.
भारत में स्पोर्ट्स कल्चर हो विकसित
इस मौके पर केंद्रीय खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) किरण रिजिजू ने कहा,’ मैं बहुत खुश हूं कि बीबीसी ने यह सम्मान घोषित किया. रिजिजू ने कहा कि एचीवमेंट को सेलीब्रेट किया जाना चाहिए और सम्मान दिए जाने से इसकी पहचान होती है.
उन्होंने आगे कहा कि भारत में स्पोर्ट्स कल्चर विकसित नहीं हो पाया है, हमलोग इसे बदलने की कोशिश में लगे हैं. हम चाहते हैं कि भारत खेल का पावर हाउस बने. हम चाहते हैं कि युवा खेल को करियर के रूप में आगे बढ़ाएं और खिलाड़ियो का सम्मान किया जाए. इसलिए हमने उन खिलाड़ियों के लिए जिन्होंने देश के लिए मेडल जीता है उन्हें पेंशन दी जाएगी.
इस मौके पर किरण रिजिजू ने कहा, ‘खेल की प्रगति होगी तो भारत की प्रगति होगी. खेलों से जुड़ी महिलाओं को सम्मानित करना एक अच्छी पहल है. विश्व में बीबीसी की पहचान है. मुझे उम्मीद है कि इसका अच्छा प्रभाव पड़ेगा. हमें ऐसा माहौल तैयार करना चाहिए जहां युवा खिलाड़ी बड़े सपने देख सकें.’
इस मौके पर बीबीसी के डायरेक्टर जनरल टोनी हॉल ने कहा, ‘आज की शाम बीबीसी एक वादा करता है कि बीबीसी खेलों में भारतीय महिला खिलाड़ियों की बात करेगा, उनके मुद्दे भी उठाएगा.’