रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता सिंधु ने ताई जु के खिलाफ पहले गेम में कड़ी चुनौती पेश की लेकिन आखिर में उन्हें 40 मिनट तक चले मैच में 18-21, 12-21 से हार का सामना करना पड़ा.
सिंधु अब कांस्य पदक के लिये चीन की ही बिंग जियाओ से भिड़ेगी जिन्हें हमवतन चेन यू फेई ने पहले सेमीफाइनल में 21-16, 13-21, 21-12 से हराया था.
इन दोनों खिलाड़ियों के बीव सेमीफाइनल से पहले 18 मैच खेले गये थे जिनमें ताइ जु ने 13 मैच जीते थे और उन्होंने अपने इस दबदबे को शनिवार को भी बरकरार रखा. चीनी ताइपै की खिलाड़ी को हालांकि शुरू में लय हासिल करने में थोड़ा समय लगा लेकिन भारतीय खिलाड़ी उन पर दबाव नहीं बना पायी.
ताइ जु ने शुरुआती गेम में पहले दो अंक बनाये लेकिन इसके बाद सिंधु अधिक आक्रामक दिखी और उन्होंने लगातार पांच अंक बनाकर स्कोर 5-2 से अपने पक्ष में कर दिया. सिंधु ने इस बीच नियंत्रित खेल दिखाया और अपनी पहुंच का अच्छा इस्तेमाल किया.
दोनों खिलाड़ियों ने करारे स्मैश और चतुरता से भरे ड्राप शॉट का अच्छा नजारा दिखाया. सिंधु ने 8-4 के स्कोर पर शॉट बाहर खेलकर ताई जु को अंक दिया लेकिन भारतीय खिलाड़ी इंटरवल तक 11-8 से आगे रही.
ताई जु ने इसके बाद लगातार तीन अंक बनाकर स्कोर 11-11 से बराबर किया. इसके बाद दोनों ने एक दूसरे को 18-18 के स्कोर तक बराबरी की टक्कर दी लेकिन चीनी ताइपै की खिलाड़ी ने यहां से लगातार तीन अंक बनाकर ताकतवर स्मैश से पहला गेम अपने नाम किया.
दूसरे गेम के शुरू में सिंधु आगे थी लेकिन ताइ जु ने बेहतरीन ड्राप शॉट से स्कोर 4-4 से बराबर किया और लगातार चार अंक के साथ 7-4 से बढ़त हासिल कर दी. भारतीय खिलाड़ी ने अपनी तरफ से अच्छे प्रयास किये लेकिन ताई जु ने उन्हें कोर्ट पर काफी छकाया और इंटरवल तक 11-7 की बढ़त बनाकर सिंधु को दबाव में ला दिया.
ताई जु ने इसके बाद भी अपना दबदबा बरकरार रखा. सिंधु ने करारे स्मैश से स्कोर 8-13 किया लेकिन ताइ जु ने लगातार तीन अंक बनाये और फिर आठ मैच प्वाइंट में से पहले पर ही मैच अपने नाम किया.
छठी वरीयता प्राप्त सिंधु ने शुक्रवार को क्वार्टर फाइनल में जापान की विश्व में पांचवें नंबर की अकाने यामागुची को हराया था.
इससे पहले पुरुष एकल में बी साई प्रणीत तथा चिराग शेट्टी और सात्विकसाइराज रंकीरेड्डी की पुरुष युगल जोड़ी नाकआउट में जगह बनाने में नाकाम रही थी.
मुक्केबाज पूजा भी हारीं
भारतीय मुक्केबाजी के लिये शनिवार का दिन निराशाजनक रहा जिसमें दुनिया के नंबर एक मुक्केबाज अमित पंघाल (52 किग्रा) के बाद पूजा रानी (75 किग्रा) भी अपनी प्रतिद्वंद्वी से हारकर तोक्यो ओलंपिक से बाहर हो गयीं.
भारत की पदक उम्मीद मुक्केबाज पंघाल प्री क्वार्टर फाइनल में सुबह रियो ओलंपिक के रजत पदक विजेता कोलंबिया के युबेरजेन मार्तिनेज से 1 . 4 से हार गये. शीर्ष वरीयता प्राप्त पंघाल का यह पहला ओलंपिक था और उन्हें पहले दौर में बाई मिली थी.
शाम के सत्र में पूजा क्वार्टरफाइनल में सर्वसम्मत फैसले में चीन की लि कियान से 0 . 5 से हार गयीं. कियान पूर्व विश्व चैम्पियन और रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता हैं. वह पूरे मुकाबले के दौरान रानी पर हावी रहीं.
शनिवार को दोनों भारतीय मुक्केबाजों के प्रतिद्वंद्वियों ने उन पर दबदबा बनाया और पूरे मुकाबले के दौरान मुक्के जड़ते रहे.
रानी ने शुरूआती राउंड में थोड़ा बेहतर किया था लेकिन रिंग में कियान जवाबी हमलों में आक्रामक थीं और उन्होंने भारतीय मुक्केबाज की मुक्के जड़ने की कोशिशों को नाकाम कर दिया. चीन की शीर्ष स्तर की मुक्केबाज ने रानी के कमजोर डिफेंस का फायदा उठाया और अपना दूसरा ओलंपिक पदक पक्का कर लिया.
सुबह पहले ही दौर से कोलंबियाई मुक्केबाज ने पंघाल पर दबाव बना दिया लेकिन पंघाल ने वापसी करके पहले तीन मिनट में 4 . 1 से जीत दर्ज की . इसके बाद मार्तिनेज की रफ्तार का वह सामना नहीं कर सके .
भारतीय मुक्केबाजी के हाई परफॉर्मेंस निदेशक सैंटियागो निएवा ने कहा ,‘‘ वे एक दूसरे के साथ अभ्यास कर चुके हैं . उनमें से कुछ में अमित ने आज से बेहतर प्रदर्शन किया था लेकिन कुछ में आज की ही तरह हुआ . यह हैरानी वाला नतीजा नहीं है क्योंकि हमने देखा है कि यह मुक्केबाज काफी खतरनाक है .’’
दूसरे दौर में मार्तिनेज ने पंघाल पर जबर्दस्त प्रहार किया जिसका भारतीय मुक्केबाज जवाब नहीं दे सके . यह सिलसिला आखिरी तीन मिनट में भी जारी रहा और पंघाल सिर्फ बचाव करते रहे .
निएवा ने कहा ,‘ हमें पता था कि क्या हो सकता है लेकिन हमें उम्मीद थी कि अमित आखिरी दो दौर में बेहतर करेगा .’
उन्होंने कहा ,‘उसमें हिलने की ताकत नहीं बची थी और वह जवाबी हमले भी नहीं कर पा रहा था . उसके अति रक्षात्मक खेल से भी मार्तिनेज को काफी अंक मिले .’
उन्होंने कहा ,‘ मैने किसी विरोधी के खिलाफ अमित को इतना थका हुआ नहीं देखा .वह अपनी लय में नहीं था . हमारा सामना काफी क्षमतावान मुक्केबाज से था .’
एशियाई खेल 2018 में स्वर्ण पदक और विश्व चैम्पियनशिप 2019 में रजत पदक जीतने वाले पंघाल ने एशियाई खेलों में तीन बार पदक जीता है . वहीं मार्तिनेज 2016 रियो ओलंपिक में लाइटफ्लायवेट में रजत पदक विजेता थे .
भारत की लवलीना बोरगोहेन (69 किलो) ने शुक्रवार को सेमीफाइनल में पहुंचकर मुक्केबाजी में पदक पक्का कर लिया था .
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टोक्यो: भारतीय बैडमिंटन स्टार पी वी सिंधु का महिला एकल के सेमीफाइनल में शनिवार को यहां विश्व की नंबर एक ताई जु यिंग के हाथों सीधे गेम में हार के साथ ही टोक्यो ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने का सपना टूट गया.