पुणे, पांच मई (भाषा) महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने सोमवार को पुणे जिले के प्रदर्शनकारी किसानों से पुरंदर में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा परियोजना को लेकर उनके विरोध पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया और उन्हें यथासंभव सर्वोत्तम सौदे का आश्वासन दिया।
हाल के दिनों में पुरंदर तहसील के कुछ गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण करने के जिला प्रशासन के प्रयास को स्थानीय किसानों के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। ऐसा ही एक विरोध प्रदर्शन तीन मई को हिंसक हो गया, जिसमें 18 पुलिसकर्मी घायल हो गए और ड्रोन कैमरे नष्ट हो गए।
बढ़ते तनाव के बीच, अधिकारियों ने घटनास्थल पर ड्रोन सर्वेक्षण और भूमि माप पर रोक लगा दी है।
बावनकुले ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने हवाई अड्डे के लिए भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे कुछ किसानों से मुलाकात की। उन्होंने अपनी जमीन देने में अनिच्छा जताई। मैंने उन्हें बताया कि कैसे नागपुर में मिहान परियोजना को स्थानीय लोगों के सहयोग से सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया गया।’
उन्होंने कहा कि पुणे जिले में प्रस्तावित हवाई अड्डा और कार्गो हब, क्षेत्र को बदल देगा व पश्चिमी महाराष्ट्र का दुनिया से संपर्क स्थापित करेगा।
उन्होंने कहा, ‘इससे अंतरराष्ट्रीय निर्यात के जरिए किसानों को फायदा होगा। राज्य सरकार पुणे में एक विश्वस्तरीय हवाई अड्डा बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह एक नीतिगत फैसला है जिसे बदला नहीं जाएगा।’
कुछ किसान अपनी भूमि नहीं देने पर अड़े रहे जिनसे बावनकुले ने विकल्पों पर विचार करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ‘मैंने उनसे पूछा कि अगर जमीन अधिग्रहित की जाती है तो उन्हें कितना मुआवजा स्वीकार्य होगा। उस क्षेत्र में प्रचलित दरें क्या हैं? मैंने उनसे एक सप्ताह के भीतर अपनी मांगें प्रस्तुत करने को कहा है।’
मंत्री ने यह भी कहा कि विचार-विमर्श के बाद राज्य सरकार एक नया मुआवजा पैकेज प्रस्तावित कर सकती है।
उन्होंने कहा, ‘सरकार किसानों को यथासंभव सर्वोत्तम सौदा देने की कोशिश करेगी, भले ही इसके लिए मौजूदा भूमि अधिग्रहण कानूनों में बदलाव करना पड़े।’
बावनकुले ने कहा कि मुआवजे की दरों के बारे में सोशल मीडिया पर गलत सूचना ने किसानों के बीच भ्रम पैदा किया है।
उन्होंने कहा, ‘सरकार का प्रस्ताव उचित और लाभकारी होगा और मेरा मानना है कि यह किसानों को (हवाई अड्डे) के काम का समर्थन करने के लिए राजी करेगा।’
उन्होंने सरकार की बातचीत में शामिल होने की इच्छा दोहराई।
उन्होंने किसानों से कहा, ‘हम सभी सुझावों (पर गौर करने) के लिए तैयार हैं। आइए हम एक साथ बैठकर इस गतिरोध को सुलझाएं और क्षेत्र में विकास के द्वार खोलें।’
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शुभम माधव
माधव
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