चंडीगढ़, 28 फरवरी (भाषा) पंजाब पुलिस ने अजनाला में हुई हालिया घटना के मद्देनजर, अपने कर्मियों को आत्मरक्षा के लिए और प्रदर्शनों के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के उद्देश्य से पारंपरिक सिख मार्शल आर्ट ‘गतका’ का प्रशिक्षण देना शुरू किया है।
पुलिस ने बताया कि कर्मियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाने के लिए ‘गतका’ का प्रशिक्षण देने में ‘निहंग’ सिख समेत अन्य विशेषज्ञों को शामिल किया गया है।
निहंग, पारंपरिक हथियारों से सशस्त्र सिख होते हैं जो नीले रंग का वस्त्र पहनते हैं।
राज्य पुलिस ने यह कदम अमृतसर के अजनाला में स्वयंभू सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह तथा तलवारों और बंदूकों से लैस उसके समर्थकों की पुलिस से झड़प होने की हालिया घटना के बाद उठाया है। यह घटना अजनाला के एक पुलिस थाने में हुई थी।
पिछले सप्ताह हुई झड़प के दौरान पुलिस अधीक्षक रैंक के एक अधिकारी समेत छह पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
वहीं, आठ फरवरी को एक अन्य घटना में सिख कैदियों की रिहाई की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों की चंडीगढ़ पुलिस से झड़प हुई थी, जिसमें चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर 30 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हो गए थे।
‘गतका’ एक सिख मार्शल आर्ट है, जिसे आत्मरक्षा में इस्तेमाल किया जाता है।
पिछले दो दिन में मुक्तसर तथा जालंधर में पुलिस ने अपने कर्मियों को ‘गतका’ का प्रशिक्षण दिया है।
जालंधर ग्रामीण, पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) मंजीत कौर ने मंगलवार को कहा, ‘‘हमने पुलिसकर्मियों को ‘गतका’ का प्रशिक्षण दिया है।’’
उन्होंने कहा कि शुरुआत में हम त्वरित कार्रवाई बल (क्यूआरटी) को प्रशिक्षण देंगे। इसके बाद हम अन्य पुलिस थानों के कर्मियों को प्रशिक्षण देंगे। यह प्रशिक्षण आने वाले दिनों में जारी रहेगा।
एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रशिक्षण में तलवार या डंडे से हमला कर रहे व्यक्ति से निपटने के गुर सिखाये जाएंगे।
अधिकारियों ने बताया कि इसी तरह मुक्तसर पुलिस ने भी ‘गतका’ का प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की है और पुलिसकर्मियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाने के लिए 13 से अधिक विशेषज्ञ शामिल किए हैं।
मुक्तसर के पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) अवतार सिंह ने कहा कि पुलिस थानों में करीब 300 कर्मियों को ‘गतका’ का प्रशिक्षण दिया गया।
भाषा गोला सुभाष
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