नई दिल्ली: वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह के करीबी पपलप्रीत सिंह को सोमवार को पंजाब पुलिस और पंजाब काउंटर- इंटेलिजेंस ने एक संयुक्त अभियान चलाकर गिरफ्तार कर लिया है. पपलप्रीत को होशियारपुर में गिरफ्तार किया गया है.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और पंजाब पुलिस के संयुक्त अभियान में पपलप्रीत को होशियारपुर से गिरफ्तार किया गया है.
18 मार्च को पुलिस के जाल से निकलने में कामयाब होने के बाद से पपलप्रीत को अक्सर उन्हें एक राज्य से दूसरे राज्य के वीडियो फुटेज में अमृतपाल सिंह के साथ देखा जा रहा था.
पपलप्रीत सिंह कट्टरपंथी सिख नेता अमृतपाल के साथ रह रहा था और वह 18 मार्च को पुलिस से बच गया था. पुलिस जब अमृतपाल और पपलप्रीत का पीछा कर रही थी तो दोनों ने एक साथ गाड़ियां भी बदली थीं. जैसा कि सीसीटीवी फुटेज में दिखाया गया है वे पंजाब से, हरियाणा, यूपी और शायद दिल्ली भाग गए थे.
एक अप्रैल 2023 को सोशल मीडिया पर एक ताजा सीसीटीवी फुटेज सामने आया, जिसमें कथित तौर पर कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह के करीबी पपलप्रीत सिंह को होशियारपुर के एक गांव में डेरे में दिखा था. जबकि शनिवार को जिले में पुलिस ने उनकी तलाश जारी रखी थी.
हालांकि, सोशल मीडिया पर वायरल फुटेज 29 मार्च का बताया जा रहा है, जिसके एक दिन बाद पंजाब पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस विंग और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एक टीम ने फगवाड़ा से एक इनोवा गाड़ी का पीछा किया, क्योंकि उन्हें संदेह था कि भगोड़ा अमृतपाल सिंह और उसका सहयोगी उसमें यात्रा कर रहे होंगे.
जिस “डेरा” का फुटेज सामने आया है, वह होशियारपुर के मरनियां गांव से महज दो से तीन कि.मी दूर तानौली गांव में स्थित है, जहां पुलिस ने दोनों की बड़े पैमाने पर तलाशी शुरू की थी.
सूत्रों ने बताया कि बुधवार सुबह डेरा के सीसीटीवी फुटेज में पपलप्रीत सिंह को देखा गया था. आशंका जताई जा रही है कि पुलिस द्वारा वाहन का पीछा करने के बाद होशियारपुर में पपलप्रीत और अमृतपाल अलग हो गए थे.
पपलप्रीत सिंह को अमृतपाल सिंह के गुरुओं में से एक माना जाता है जो उन्हें विभिन्न मुद्दों पर सलाह देता है.
पुलिस ने शुक्रवार को होशियारपुर जिले में भगोड़े उपदेशक के “डेरा” और अन्य संभावित ठिकानों तक अमृतपाल सिंह की तलाश की थी. पुलिस ने संदिग्धों का पता लगाने के लिए एक ड्रोन भी तैनात किया था.
कट्टरपंथी उपदेशक 18 मार्च को उसके संगठन वारिस पंजाब दे पर पुलिस की कार्रवाई के बाद से फरार चल रहा था. हालांकि, वह पिछले कुछ दिनों में सोशल मीडिया पर जारी दो कथित वीडियो और एक ऑडियो क्लिप में दिखाई दिया था.
वीडियो में, खालिस्तान समर्थक ने जोर देकर कहा कि वह भगोड़ा नहीं है और जल्द ही दुनिया के सामने आएगा.
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