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Tuesday, 2 September, 2025
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पंजाब बाढ़: 1,000 से अधिक गांव और 61,000 हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित

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चंडीगढ़, 30 अगस्त (भाषा) पंजाब में बाढ़ से 1,000 से अधिक गांव और 61,000 हेक्टेयर से ज्यादा कृषि भूमि प्रभावित हुई है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि बाढ़ से प्रभावित सबसे अधिक गांव गुरदासपुर जिले में हैं।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और जिलाधिकारियों के संयुक्त प्रयासों से अब तक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से कुल 11,330 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण सतलुज, व्यास और रावी नदियों तथा मौसमी जल धाराओं में उफान के कारण पंजाब में बाढ़ आ गई है। बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित गांव पठानकोट, गुरदासपुर, फाजिल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर जिलों के हैं।

राज्य के मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा ने शनिवार को राहत एवं बचाव उपायों की समीक्षा के लिए व्यास नदी पर बने पौंग बांध और होशियारपुर के मुकेरियां उपमंडल में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।

वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुख्य सचिव ने बांध का निरीक्षण किया, जहां उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे जल प्रवाह को ध्यान में रखते हुए तकनीकी मापदंडों के आधार पर पानी छोड़ने को सख्ती से नियंत्रित करें, ताकि निचले इलाकों में रहने वाले लोगों की कठिनाइयों को कम किया जा सके।

उन्होंने अधिकारियों से सतर्क रहने और चौबीसों घंटे निगरानी बनाए रखने को भी कहा।

अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ से अब तक राज्य के 1,018 गांव प्रभावित हुए हैं। इनमें पठानकोट के 81, फाजिल्का के 52, तरनतारन के 45, श्री मुक्तसर साहिब के 64, संगरूर के 22, फिरोजपुर के 101, कपूरथला के 107, गुरदासपुर के 323, होशियारपुर के 85 और मोगा के 35 गांव शामिल हैं।

फसल को नुकसान पहुंचने और मवेशियों की जान जाने के कारण राज्य को भारी वित्तीय नुकसान भी हुआ है।

जिला मुख्यालयों से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, फाजिल्का में 16,632 हेक्टेयर, फिरोजपुर में 10,806, कपूरथला में 11,620, पठानकोट में 7,000, तरनतारन में 9,928 और होशियारपुर में 5,287 हेक्टेयर कृषि भूमि बाढ़ से प्रभावित हुई है।

बाढ़ प्रभावित जिलों से अब तक कुल 11,330 लोगों को बचाया गया है।

उन्होंने बताया कि इनमें फिरोजपुर से 2,819, होशियारपुर से 1,052, कपूरथला से 240, गुरदासपुर से 4,771, मोगा से 24, पठानकोट से 1,100, तरनतारन से 60, बरनाला से 25 और फाजिल्का से 1,239 लोग शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान 4,711 बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। इनमें फिरोजपुर के 812, गुरदासपुर के 2,571, मोगा के 4, तरनतारन के 60, बरनाला के 25 और फाजिल्का के 1,239 निवासी शामिल हैं।

वर्तमान में, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थापित 87 राहत शिविरों में से 77 पूरी तरह से कार्यरत हैं, जहां 4,729 लोगों ने शरण ली है।

अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन इन लोगों की सभी आवश्यक जरूरतों का ध्यान रख रहा है।

कपूरथला में चार शिविरों में 110 लोग, फिरोजपुर में आठ शिविरों में 3,450, होशियारपुर में 20 शिविरों में 478, गुरदासपुर में 12 शिविरों में 255, पठानकोट में 14 शिविरों में 411 और बरनाला में एक शिविर में 25 लोग हैं।

इसके अलावा, फाजिल्का में 11 शिविर, मोगा में पांच और अमृतसर में दो शिविर हैं।

एनडीआरएफ, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), पंजाब पुलिस और सेना स्थानीय समुदायों के सक्रिय सहयोग से इन अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

एनडीआरएफ की सात टीमें गुरदासपुर में, एक-एक फाजिल्का और फिरोजपुर में और दो पठानकोट में तैनात हैं। एसडीआरएफ ने कपूरथला में दो टीमें तैनात की हैं।

सेना, बीएसएफ और वायुसेना भी कपूरथला, गुरदासपुर, फिरोजपुर और पठानकोट में राहत कार्यों में लगी हुई हैं। नागरिक प्रशासन के साथ-साथ पंजाब पुलिस भी प्रभावित लोगों को पूरा सहयोग दे रही है।

मुख्य सचिव के साथ प्रमुख सचिव (जल संसाधन) कृष्ण कुमार, उपायुक्त आशिका जैन और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संदीप कुमार मलिक भी मौजूद थे।

बाद में, सिन्हा ने मुकेरियां के हलेड़ और मोतला गांवों के बीच बने धुस्सी बांध (मिट्टी के तटबंध) का दौरा किया और कहा कि जल संसाधन विभाग ऐसे तटबंधों को मजबूत बनाने का काम कर रहा है।

उन्होंने प्रभावित लोगों को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उन्हें हर संभव मदद देने के लिए प्रतिबद्ध है।

भाषा सुभाष माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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