चंडीगढ़, छह सितंबर (भाषा) पंजाब के कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने नदियों में बाढ़ के लिए अवैध खनन को जिम्मेदार ठहराने को लेकर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की आलोचना की है।
अरोड़ा ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने राज्य के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा करने के बजाय ‘फोटो खिंचवाने’ के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।
भाजपा पर पंजाब के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने बाढ़ सहायता के लिए एक पैसा भी देने की घोषणा नहीं की, जबकि पंजाब सरकार ने केंद्र से अपने 60,000 करोड़ रुपये के बकाया का भुगतान मांगा है।
चौहान ने बृहस्पतिवार को अमृतसर, गुरदासपुर और कपूरथला में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया था।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कहा था कि वह पंजाब में बाढ़ की स्थिति पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सौंपेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने बाढ़ के लिए अवैध खनन गतिविधियों के परिणामस्वरूप सतलुज, ब्यास, रावी और घग्गर नदियों के तटबंधों के आंशिक रूप से कमजोर होने को इस आपदा के लिए जिम्मेदार ठहराया।
चौहान ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘जब अटल जी प्रधानमंत्री थे और प्रकाश सिंह बादल जी पंजाब के मुख्यमंत्री थे, तब फसलों को बाढ़ से बचाने के लिए सतलुज, ब्यास, रावी और घग्गर नदियों के तटबंधों को मजबूत और ऊंचा किया गया था। लेकिन, अवैध खनन के कारण वे कमजोर हो गए हैं और गांवों में पानी घुस गया है।’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘अब उन ढांचों को मजबूत करना जरूरी है, ताकि पंजाब को भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचाया जा सके।’’
चौहान के बयान के बारे में पूछे जाने पर आप की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने कहा, ‘‘यह शर्मनाक है कि उन्होंने अवैध खनन को जिम्मेदार ठहराया। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा में आई बाढ़ के लिए वे क्या आरोप लगाएंगे? ’’
उन्होंने चौहान पर निशाना साधते हुए कहा कि इस मुश्किल समय में लोगों का हाथ थामने के बजाय वे (भाजपा नेता) राजनीति करने आए हैं।
आप नेता ने कहा, ‘‘ चौहान जी ने घुटनों तक पानी में फोटो खिंचवाए, लेकिन पंजाब के लिए एक पैसा या राहत पैकेज की घोषणा नहीं की।’’
अरोड़ा ने मोहाली में संवाददाताओं से कहा कि भाजपा राज्य सरकार की 60,000 करोड़ रुपये की बकाया राशि जारी करने की मांग पर चुप है।
कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर राज्य के 60,000 करोड़ रुपये जारी करने की मांग की थी।
पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि जब भी किसी राज्य में बाढ़ की स्थिति आती है, चाहे वह ओडिशा हो या पश्चिम बंगाल, केंद्र तीन से चार दिनों में राहत प्रदान करता है।
चीमा ने भाजपा पर पंजाब के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘ पंजाब में बाढ़ आए 15 दिन बीत चुके हैं, लेकिन प्रधानमंत्री ने राज्य के लोगों के साथ खड़े होने के लिए एक शब्द भी नहीं कहा है। जब भी देश किसी भी समस्या से जूझा है, पंजाब सबसे आगे रहा है। लेकिन भाजपा पंजाब के साथ भेदभाव कर रही है।’’
भाषा रविकांत दिलीप
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