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Friday, 1 November, 2024
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आज गृहमंत्री शाह से मिलेंगे पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, किसान आंदोलन के लेकर होगी बात

किसानों के विरोध को देखते हुए हरियाणा में बीजेपी की अगुवाई वाली खट्टर सरकार की कुर्सी हिलती नजर आ रही है. एक निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने जहां पहले ही खुद को सरकार से अलग कर लिया है वहीं एनडीए सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और जननायक जनता पार्टी ने भी आंखे तरेरनी शुरू कर दी है.

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नई दिल्ली/चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध पर कृषक नेताओं के साथ बृहस्पतिवार को केंद्र की अगले दौर की बातचीत से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलेंगे. किसानों से मिलने का समय जहां 12 बजे का रखा गया है वहीं कैप्टन से शाह की मुलाकात सुबह 10.30 का है.

सूत्रों ने बताया कि सिंह गतिरोध का सौहार्द्रपूर्ण हल ढूंढने के लिए बृहस्पतिवार सुबह को दिल्ली में शाह के साथ चर्चा करेंगे.

हालांकि, पंजाब के मुख्यमंत्री और उनकी कांग्रेस पार्टी किसान आंदोलन का समर्थन कर रही है और पंजाब विधानसभा ने केंद्र के नये कृषि कानूनों को निष्प्रभावी बनाने के लिए विधेयक भी पारित किये हैं.

वैसे सिंह ने कहा था कि वह और उनकी सरकार सभी के सामूहिक हित में केंद्र और किसानों के बीच मध्यस्थता के लिए तैयार हैं.

पंजाब के मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि अपने लोगों की बात सुनना सरकार का काम है. अगर कई राज्यों के किसान आंदोलन में शामिल हो रहे हैं तो उन्हें समझना होगा कि अवश्य ही इन कानूनों से उन्हें कोई परेशानी है. बता दें कि पंजाब के 30 किसान संगठन समेत कई राज्यों के किसान दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं. और सरकार से नये कृषि कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं. उनमें से ज्यादातर किसान पंजाब से हैं.

किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच बृहस्पतिवार को अगले दौर की बातचीत होने वाली है. इससे पहले मंगलवार को दोनों पक्षों के बीच वार्ता बेनतीजा रही थी.

सितंबर में ये तीनों कानून बनाये गये थे और सरकार का दावा है कि उनसे बिचौलिये हटेंगे एवं किसान देश में कहीं भी अपनी उपज बेच पायेंगे तथा कृषि क्षेत्र में सुधार आयेगा.

किसानों को डर है कि इन कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी तथा मंडी खत्म हो जाएंगे. हालांकि, सरकार का कहना है कि एमएसपी व्यवस्था जारी रहेगी तथा नये कानून किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए और विकल्प उपलबध करायेंगे.


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हरियाणा में खट्टर सरकार की बढ़ सकती है मुश्किल

वहीं दूसरी तरफ बढ़ते किसानों के विरोध को देखते हुए हरियाणा में बीजेपी की अगुवाई वाली खट्टर सरकार की कुर्सी हिलती नजर आ रही है. एक निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने जहां पहले ही खुद को सरकार से अलग कर लिया है वहीं एनडीए सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और जननायक जनता पार्टी ने भी आंखे तरेरनी शुरू कर दी है. और किसानों की समस्या का जल्द समाधान करने की मांग रख दी है.

किसान आंदोलन को हरियाणा के कांग्रेस नेता हवा देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे. हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला सहित तमाम नेता किसान आंदोलन के पक्ष में खड़े हैं और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से लेकर हरियाणा की खट्टर सरकार तक पर हमला बोल रहे हैं. साथ ही हरियाणा की खाप पंचायत भी किसानों के समर्थन में खड़ी हो गई है, जिसके चलते दुष्यंत चौटाला के साथ-साथ जेजेपी के विधायक और सरकार को समर्थन करने वाले निर्दलीय विधायकों की चिंताएं बढ़ती दिखाई दे रही है.

जेजेपी के अध्यक्ष अजय चौटाला ने कहा, ‘केंद्र सरकार को किसानों की समस्या का जल्द से जल्द हल निकालना चाहिए. किसानों की मांग के अनुरूप कृषि कानूनों में एमएसपी को शामिल करना चाहिए.’ उन्होंने आगे कहा, ‘देश के अन्नदाता सड़कों पर परेशान हो रहे हैं. ऐसे में सरकार को अपना दिल बड़ा करते हुए किसानों की मांगों को स्वीकार करना चाहिए और उन्हें एमएसपी का लिखित में आश्वासन देना चाहिए ताकि उनकी चिंताएं दूर हों.’

(भाषा के इनपुट्स के साथ)


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