कपूरथला/फिरोजपुर/तरनतारन (पंजाब), 16 अगस्त (भाषा) ब्यास और सतलुज के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद दोनों नदियां उफान पर हैं। कपूरथला, तरनतारन और फिरोजपुर जिलों में नदियों के किनारे बसे गांवों की आबादी प्रभावित हुई है, वहीं किसानों को फसल के नुकसान का डर है।
कपूरथला जिले के सुल्तानपुर लोधी और होशियारपुर जिले के टांडा क्षेत्र में ब्यास नदी से सटे निचले इलाके अभी भी जलमग्न हैं। तरनतारन के खडूर साहिब क्षेत्र में किसानों ने दावा किया कि ब्यास नदी के उफान के कारण उनकी फसलें, धान और चारा जलमग्न हो गए हैं।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, नदी के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद होशियारपुर के तलवारा में पोंग (ब्यास) बांध से और पानी छोड़ा गया।
फिरोजपुर जिले में भी स्थिति गंभीर है, जहां सतलुज नदी के किनारे रहने वाले ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कई दिनों से पानी में डूबे रहने के कारण उनकी फसलें बर्बाद हो गई हैं।
सीमावर्ती गांवों का दौरा करने वाली फ़िरोज़पुर की उपायुक्त दीप शिखा शर्मा ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने कहा, ‘प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। बांध को मज़बूत करने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है।’
आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक रणबीर सिंह भुल्लर ने शनिवार को सतलुज नदी के किनारे बसे टेंडी वाला, जल्लो के, गट्टी राजो के और खुंदर गट्टी गांवों का दौरा किया। भुल्लर ने अधिकारियों को नदी के किनारों को मजबूत करने के निर्देश दिए।
जल निकासी विभाग के अधिकारी खुशविंदर सिंह ने बताया कि कपूरथला के सुल्तानपुर लोधी में ब्यास नदी के निकट 20 से अधिक गांव जलस्तर बढ़ने से प्रभावित हुए हैं।
कपूरथला के उपायुक्त अमित कुमार पंचाल ने कहा कि मंड क्षेत्र के लाख वरियान सरकारी स्कूल में एक राहत केंद्र स्थापित किया गया है।
कपूरथला के भुलथ में, प्रशासन ने तलवंडी कूका स्थित गुरुद्वारा साहिब में चिकित्सा शिविर स्थापित किए हैं।
भाषा आशीष दिलीप
दिलीप
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.