नई दिल्ली: जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में अभी तक आतंकवादी मारे गए. पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी दी.
जहां आतंकवादियों में से एक को गुरुवार को मार दिया गया था, वहीं दो आतंकवादी सुबह फिर से एनकाउंटर शुरू होने के बाद मारे गए. पंजरन गांव के लस्सीपोरा इलाके में मुठभेड़ स्थल से शुक्रवार को हथियारों के बड़े जखीरे के साथ उनके शव बरामद किए गए.
सूत्रों ने कहा कि मारे गए आतंकवादियों की सटीक सटीक पहचान और वे किस आतंकवादी समूह से जुड़े थे इसका पता लगाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि तलाशी अभियान जारी है.
पंजरन गांव में आतंकवादियों की मौजूदगी की जानकारी के बाद गुरुवार को ऑपरेशन शुरू किया गया .
घेराव कड़ा करने पर आतंकवादियों ने फायरिंग करनी शुरू कर दी जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गया. एहतियात के तौर पर पुलवामा जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है. बता दें कि पुलवामा में पिछले 24 घंटे से भी अधिक समय से आतंकियों और पुलिस की मुठभेड़ चल रही है. रक्षा जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि घटना स्थल पर सुरक्षा अधिकारियों को एके सिरीज के राइफल मिले हैं.
केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद आतंकियों और आतंकवाद को लेकर संजीदा है. वहीं एक जुलाई से अमरनाथ यात्रा शुरू होने वाली है जिसे लेकर सुरक्षाबलों ने जांच पड़ताल तेज कर दी है ताकि यात्रा पर जाने वाले सुरक्षित रहें और यात्रा सफलता पूर्वक पूरी कर सकें.
इससे पहले गुरुवार को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने हथियार चोरी से संबंधित एक मामले में आरोपपत्र दाखिल किया. यह श्रीनगर में एक विधायक के आवास से 28 सितंबर 2018 को हथियार चोरी का मामला है.
एनआईए के एक अधिकारी ने बताया कि पीडीपी के पूर्व विधायक एजाज अहमद मीर के आवास से गोलाबारूद के साथ सात एके राइफल और एक पिस्तौल की चोरी के मामले जम्मू स्थित एनआईए की अदालत में गुरुवार को आरोपपत्र दाखिल किया गया.
अधिकारी ने बताया, ‘मामले की जांच 18 अक्टूबर 2018 को एनआईए ने अपने अपने जिम्मे ली थी. जांच में पाया गया कि एसपीओ (विशेष पुलिस अधिकारी) आदिल बशीर इस मामले में अन्य आरोपियों, रफीक अहमद भट, यावर अहमद डार और आबिद मंजूर मेग्रे के साथ साजिश में शामिल थे.’
वे सक्रिय आतंकी गुट हिजबुल मुजाहिद्दीन के लिए हथियार चुराते थे.
अधिकारी ने बताया, ‘हथियार सक्रिय आतंकी गुट हिजबुल कि आतंकियों को सप्लाई करने के इरादे से चुराए गए थे, जिन्हें आतंकी गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. चोरी को अंजाम देने के बाद तीन आरोपी हिजबुल गुट में शामिल हुए.’
अधिकारी के अनुसार, जांच के दौरान सैयद नवीद बाबू और हिजबुल कमांडर रियाज नायकू का नाम इस मामले में उभरकर आया जो हिजबुल आतंकियों को प्रशिक्षण देते थे. इन आतंकियों में आदिल बशीर शेख, यावर अहमद डार और रफीक अहमद भट भी शामिल थे.
इनमें से दो आतंकी यावर अहमद डार और आबिद मंजूर मेग्रे को सुरक्षा बलों ने 16 मई और 31 मई 2019 को मुठभेड़ में मार गिराया.
कश्मीर में चलाए जा रहे ऑपरेशन ऑलआउट चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत सुरक्षा बलों ने इस साल 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया है वहीं 2018 में भी सुरक्षाबलों ने करीब 250 आतंकियों का सफाया किया था.
(समाचार एजेंसी एएनआई और आईएएनएस इनपुट्स के साथ)