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Saturday, 5 October, 2024
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जनप्रतिनिधियों को मिलकर भू-जल संरक्षण के लिए प्रयास करने होंगे : धारीवाल

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जयपुर, 25 मार्च (भाषा) राजस्थान के स्वायत्त शासन, नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने शुक्रवार को कहा कि सभी जनप्रतिनिधियों को साथ मिलकर भू-जल संरक्षण के लिए प्रयास करने होंगे।

धारीवाल ने राजस्थान विधानसभा में आज गैर सरकारी कार्य दिवस में विधायक राजेंद्र राठौड़ द्वारा पेश गैर सरकारी संकल्प पर यह बात कही। उन्होंने कहा हम सभी को प्रण लेना होगा कि अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में जल संरक्षण के लिए मौके पर खड़े होकर काम कराएंगे।

राठौड़ ने राज्य में सतही जल की कमी व भू-जल के अंधाधुंध दोहन से भू-जल स्तर के निरंतर गिरने से होने वाले संकट से बचाव के लिए भू-जल दोहन पर नियंत्रण व जन संरक्षण के लिए आवश्यक व प्रभावी कदम उठाने का संकल्प प्रस्तुत किया।

सदन में कई विधायकों ने जनहित से जुड़े मुद्दों पर अपने गैर सरकारी संकल्प पत्र पेश किए। विधायक अशोक लाहोटी ने स्वच्छता के संबंध में जागरुक किये जाने और प्रदेश के स्कूलों में स्वच्छता को पाठ्यक्रम में अनिवार्य रूप से शामिल करने के लिए संकल्प पेश किया। विधायक बिहारी लाल ने राजस्थानी भाषा को राज्य में द्वितीय राजभाषा का दर्जा देने के लिए संकल्प पेश किया।

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि सभी विधायक और सांसद अपने-अपने क्षेत्रों की ग्राम सभाओं में उपस्थित होकर भू-जल संरक्षण के कार्यों की पालना करायें।

शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने राजस्थानी भाषा को मान्यता के संकल्प पर कहा कि इस संबंध में 25 अगस्त 2003 को राजस्थान विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया था। उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं होने से कष्ट है। इसके लिए सर्वसम्मति से केन्द्र सरकार से आग्रह करें।

भाषा पृथ्वी अर्पणा

अर्पणा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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