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Tuesday, 5 November, 2024
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इसरो ने पीएसएलवी-सी47 से कार्टोसेट-3 समेत 13 नैनो उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया

इसरो चीफ डॉ के सीवन ने कहा कि मैं खुश हूं कि पीएसएलवी-सी47 ने 13 उपग्रहों को ऑर्बिट में प्रक्षेपित कर दिया है. उन्होंने कहा कि कार्टोसेट-3 एक सिविलियन उपग्रह है.

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नई दिल्ली: इसरो ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से कार्टोसेट-3 और अमेरिका के 13 वाणिज्यिक नैनो उपग्रहों का पीएसएलवी-सी47 के जरिए सफल परीक्षण किया.

इसरो ने ट्वीट कर कहा कि पीएसएलवी- सी47 के जरिए कार्टोसेट 3 स्पेसक्रॉफ्ट को ऑर्बिट में भेजा गया है. इसरो ने कहा कि अमेरिका के 13 वाणिज्यिक उपग्रहों को उसके ऑर्बिट में भेज दिया गया है.

इसरो चीफ डॉ के सीवन ने कहा कि मैं खुश हूं कि पीएसएलवी-सी47 ने 13 उपग्रहों को ऑर्बिट में प्रक्षेपित कर दिया है. उन्होंने कहा कि कार्टोसेट-3 ए सिविलियन उपग्रह है. हमारे पास मार्च तक के लिए 13 मिशन हैं जिसमें 6 बड़े व्हीकल मिशन और 7 उपग्रह मिशन हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसरो टीम को बधाई दी है. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘एक और सफलता के लिए बधाई. उन्होंने लिखा कि कार्टोसेट-3 से कुशल हाई रिजॉल्यूशन फोटो पाने में मदद मिलेगी. इसरो ने एक बार फिर से देश को गौरव करने का मौका दिया है.’

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने बताया कि कार्टोसेट 3 तीसरी पीढ़ी का दक्ष उन्नत उपग्रह है जिसमें ‘हाई रिजॉल्यूशन इमेजिंग’ क्षमता है.

कार्टोसेट का समग्र वजन 1625 किलोग्राम और मिशन पांच वर्ष का है. यह व्यापक पैमाने पर शहरी योजना, ग्रामीण संसाधन और आधारभूत ढांचे का विकास, तटीय भूमि उपयोग आदि की बढ़ती मांगों को पूरा करेगा.

पीएसएलवी सी47 पीएसएलवी की ‘एक्सएल’ कान्फिग्रेशन में 21वीं उड़ान है.

इसरो ने पहले बताया था कि इन उपग्रहों को 25 नवंबर 2019 को प्रक्षेपित किया जाएगा. लेकिन इसरो ने इसके समय में बदलाव कर के इसे प्रक्षेपित करने की तारीख को 27 नवंबर कर दिया था.

माना जाता है कि कार्टोसेट-3 तीसरी पीढ़ी का आधुनिक और कुशल उपग्रह है जो अच्छी तस्वीर ले सकता है.


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अमेरिका के नैनो उपग्रहों को अंतरिक्ष विभाग के न्यूस्पेस इंडिया के साथ हुए व्यावसायिक समझौते के तहत अंतरिक्ष में भेजा गया है.

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