कोच्चि, 12 दिसंबर (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह वायनाड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्वास के लिए केंद्र से अतिरिक्त राशि मांगने से पहले पूर्व प्रतिबद्धताओं के लिए पहले से निर्धारित या खर्च किए गए एसडीआरएफ कोष के संबंध में उपयोग प्रमाण पत्र प्रस्तुत करे।
न्यायमूर्ति ए के जयशंकरन नांबियार और न्यायमूर्ति ईश्वरन एस की पीठ ने यह भी कहा कि अदालत इस मुद्दे पर राज्य और केंद्र के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाएगी।
अदालत ने कहा कि राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) में धनराशि वास्तव में कागजों पर है और इसलिए राज्य सरकार को अतिरिक्त सहायता प्राप्त करने के लिए यह सुनिश्चित करना चाहिए कि केंद्र को वास्तविक स्थिति की जानकारी हो।
इसके लिए राज्य सरकार को अन्य प्रतिबद्धताओं पर खर्च किए गए धन के संबंध में उपयोग प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना चाहिए और केंद्र से कितनी सहायता की आवश्यकता है, इस पर विस्तृत विवरण देना चाहिए।
इसने राज्य सरकार से यह भी कहा कि आंकड़े स्पष्ट होने चाहिए।
अदालत ने प्रमुख सचिव को 18 दिसंबर तक पीठ के समक्ष रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।
अदालत वायनाड जिले के तीन गांवों में हुए भूस्खलन और 200 से अधिक लोगों की मौत के मद्देनजर राज्य में प्राकृतिक आपदाओं की रोकथाम और प्रबंधन के लिए स्वयं द्वारा शुरू की गई याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
पिछले हफ्ते, अदालत ने राज्य सरकार और उसके आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) की आलोचना करते हुए कहा था कि वायनाड के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्वास के संबंध में धन के बारे में उनके आंकड़े ‘गलत’ थे।
इसने यह भी कहा था कि केंद्र से सहायता मांगते समय राज्य सरकार को सटीक आंकड़े उपलब्ध कराने चाहिए।
भाषा अमित पवनेश
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