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शनिवार, 21 जून, 2025
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हेमा मालिनी के आश्वासन के बाद बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर पर विरोध प्रदर्शन स्थगित

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मथुरा (उप्र), 17 जून (भाषा) वृन्दावन में प्रस्तावित बांकेबिहारी मंदिर कॉरिडोर और सरकार द्वारा मंदिर के प्रबंधन के लिए ट्रस्ट (न्यास) बनाने की सरकार की योजना के खिलाफ पिछले तीन सप्ताह से विरोध प्रदर्शन कर रही सेवायत गोस्वामी समाज की महिलाओं ने मंगलवार को अपना आंदोलन फिलहाल स्थगित कर दिया।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मथुरा से सांसद हेमा मालिनी ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी चिंताओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया जाएगा। इसके बाद आंदोलन स्थगित करने का निर्णय लिया गया।

मंदिर सेवायतों और स्थानीय व्यापारियों के परिवारों से जुड़ी महिलाओं ने वृंदावन में हेमा मालिनी से उनके आवास पर मुलाकात की और बैठक में अपने विरोध के कारणों के बारे में विस्तार से बताया और परियोजना के बारे में अपनी आशंकाओं के निवारण का अनुरोध किया।

प्रदर्शनकारियों का कहना था कि अगर उन लोगों को वर्तमान स्थान से उजाड़ कर अन्यत्र बसाया जाता है तो वे लोग ठाकुरजी की सेवापूजा पहले के समान सुगमता से नहीं कर पाएंगे और इससे मंदिर व कुंज की गलियों की परम्पराएं तथा प्राचीन संस्कृति भी प्रभावित होगी।

महिलाओं ने इस संबंध में ज्ञापन सौंप कर उनकी बात मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की विनती की। उन्होंने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि अगर उनके (मुख्यमंत्री के) समक्ष हमारी बात सहानुभूतिपूर्वक रखी जाएगी तो वे भी हमारी भावनाओं को समझेंगे और जरूर कोई बीच का रास्ता निकाल लेंगे।

संवाददाताओं से हेमामालिनी ने कहा, ‘‘हो सकता है कि परियोजना के संबंध में इन लोगों के साथ तालमेल में कोई कसर रह गई हो, लेकिन सरकार भी आखिर जनता की सुविधा के लिए ही कार्य कर रही है। मैं मुख्यमंत्री के समक्ष यह मुद्दा अवश्य उठाऊंगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उनका (सेवायत परिवारों का) कहना है कि कॉरिडोर बनने पर वे मंदिर से दूर चले जाएंगे जिससे सेवा-पूजा में कई व्यवहारिक दिक्कतें आएंगी। हालांकि उन्हें आश्वस्त किया गया है कि उन्हें बाहर नहीं जाना पड़ेगा और प्रशासन उनके लिए वृंदावन की सीमा में ही व्यवस्था कर रहा है।’’

सांसद ने कहा कि उनमें से कुछ तो कॉरिडोर का निर्माण ही नहीं चाहते हैं, जबकि सोचने वाली बात है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है, यह हमारा फर्ज है कि उनकी सुविधा के लिए हमें अपेक्षित विस्तार तो करना ही पड़ेगा। अभी कॉरिडोर न बना, तो बाद में बनाना और भी ज्यादा मुश्किल हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि मंदिर के लिए कॉरिडोर की आवश्यकता को नकारा नहीं जा सकता, लेकिन वह सभी पक्षों की भावनाओं का सम्मान करते हुए सरकार तक बात पहुंचाएंगी। सांसद से मिलने वाली महिलाओं की एक मांग यह भी थी कि मंदिर के लिए जिस न्यास के गठन का अध्यादेश जारी किया गया है, उसे पूरी तरह से रद्द कर दिया जाए।

इस दौरान सांसद को ज्ञापन देने वाली महिलाओं में नीलम गोस्वामी, सुनीता गोस्वामी, सुमन गोस्वामी, निशा शर्मा, रानी गोस्वामी, नीरू गोस्वामी, मीरा गोस्वामी, दक्षा गोस्वामी, राधा मिश्रा, माला गोस्वामी, सपना शर्मा, प्रीति गोस्वामी, गुड़िया गोस्वामी आदि शामिल थीं।

भाषा सं आनन्द सुरभि

सुरभि

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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