तिरुवनंतपुरम, 22 अक्टूबर (भाषा) केरल में पिछले 256 दिनों से अपने मानदेय और सेवानिवृत्ति बाद के लाभ में वृद्धि की मांग को लेकर प्रदर्शनरत आशा कर्मियों के एक वर्ग ने बुधवार को अपना आंदोलन तेज करते हुए यहां मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के सरकारी आवास ‘क्लिफ हाउस’ तक मार्च निकाला।
अब तक, मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कर्मी (आशा कर्मी) यहां राज्य सचिवालय के बाहर फुटपाथ पर धरना-प्रदर्शन कर रही थीं।
केरल आशा स्वास्थ्य कर्मी एसोसिएशन (केएएचडब्ल्यूए) के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने कई बार पानी की बौछारों का सामना किया और उनमें से कई आशा कर्मी प्रदर्शनकारियों को ‘क्लिफ हाउस’ तक पहुंचने से रोकने के लिए पुलिस द्वारा लगाए गए अवरोधक के ऊपर चढ़ गयीं।
उन्होंने राज्य द्वारा दिए जाने वाले मानदेय को 7,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये करने और सेवानिवृत्ति के बाद पांच लाख रुपये का लाभ देने की उनकी मांगों को पूरा नहीं करने पर मुख्यमंत्री और वामपंथी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
राज्य सरकार ने अगस्त में आशाकर्मियों की स्थिति का अध्ययन करने के लिए एक समिति नियुक्त की थी जिसने उनके मानदेय में 3,000 रुपये की वृद्धि की सिफारिश की थी और सेवानिवृत्ति के बाद लाभ के रूप में एक लाख रुपये प्रदान करने का प्रस्ताव दिया था।
केंद्र ने जुलाई में उनके निश्चित मासिक प्रोत्साहन को बढ़ाने का फैसला किया था।
खबरों के अनुसार, केंद्र ने हाल में मिशन संचालन समूह (एमएसजी) की नौवीं बैठक में आशा कर्मियों के लिए निश्चित मासिक प्रोत्साहन राशि 2,000 रुपये से बढ़ाकर 3,500 रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। खबरों में यह भी बताया गया है कि केंद्र सेवानिवृत्ति के लाभ में भी वृद्धि करेगा।
भाषा राजकुमार सुरभि
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