नई दिल्ली: राऊ आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में शनिवार शाम को आई बाढ़ में डूबने के कारण हुई तीन यूपीएससी एस्पिरेंट्स की दुखद मौत के बाद, दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर में छात्र संस्थान के अधिकारियों और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि, अब तक प्रमुख शिक्षक और लोकप्रिय कोचिंग संस्थानों के संस्थापक यहां से अनुपस्थित हैं.
विकास दिव्यकीर्ति और अवध ओझा जैसे शिक्षकों की चुप्पी पर प्रदर्शनकारी उम्मीदवार सवाल उठा रहे हैं.
ओल्ड राजिंदर नगर में रहने वाले एक एस्पिरेंट सचिन शुक्ला ने कहा, “हमने उन्हें वो बनाया है जो वे आज हैं और अब, जब हमें उनकी ज़रूरत है, तो वे कहीं नहीं दिख रहे हैं. उन्होंने इस मुद्दे पर कुछ भी पोस्ट नहीं किया. अगर उनके वातानुकूलित कोचिंग संस्थानों से बाहर आना मुश्किल है, तो वे कम से कम सोशल मीडिया पर पोस्ट तो कर सकते थे.”
कई एस्पिरेंट्स ने सोमवार रात दिव्यकीर्ति के घर तक मार्च भी किया. वे चाहते थे कि वे बाहर आकर उनसे बात करें, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.
जबकि ऑफलाइन कोचिंग सेंटर, जो प्रति कोर्स लगभग 2 लाख रुपये लेते हैं, मौन हैं, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे कि PW OnlyIAS, EdSarrthi और StudyIQ के शिक्षक एस्पिरेंट्स की मांगों को स्पष्ट करने में मदद करने के लिए सक्रिय रूप से उनके साथ जुड़े हुए हैं.
PW OnlyIAS के सुमित रेवाड़ी, StudyIQ के अमित किल्होर और वाजीराम के साहिल और सात्विक जैसे फैकल्टी मेंबर्स ने छात्रों से मुलाकात की है.
रेवाड़ी ने कहा, “हम शिक्षकों और छात्रों के साथ एक समिति बनाएंगे, ताकि हम प्रशासन के सामने मांगें रख सकें.”
इनमें से कुछ शिक्षकों ने पूरा दिन विरोध स्थल पर बिताया, छात्रों का समर्थन किया और यह सुनिश्चित किया कि विरोध शांतिपूर्ण रहे.
स्टडीआईक्यू के किल्होर ने दिप्रिंट को बताया, “शिक्षकों को उम्मीद है कि प्रशासन एस्पिरेंट्स की मांगों पर ध्यान देगा. हमने यह भी मांग की है कि सभी कोचिंग संस्थानों में छात्र शिकायत समिति हो.”
हालांकि, लोकप्रिय शिक्षकों की अनुपस्थिति ने प्रदर्शनकारी एस्पिरेंट्स को नाराज़ कर दिया है.
यूपीएससी एस्पिरेंट हार्दिक पुनिया ने कहा, “हम उन शिक्षकों का स्वागत करते हैं जो हमारा समर्थन करने के लिए यहां आए हैं, लेकिन हमें उम्मीद थी कि कक्षाओं में नैतिकता का पेपर पढ़ाने वाले लोग आकर हमारे लिए बोलेंगे.”
शनिवार से सैकड़ों छात्र ओल्ड राजिंदर नगर के बड़ा बाज़ार रोड पर प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों ने रविवार रात एस्पिरेंट्स से मुलाकात की और मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की, साथ ही प्रदर्शनकारियों को ओल्ड राजिंदर नगर में अवैध निर्माण के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया.
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