नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (सीएबी) 2019 के ख़िलाफ़ हो रहे प्रदर्शन में हिंसा की जानकारी सामने आई है. जामिया के छात्रों पर आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने एक बस को आग़ लगाई है. हालांकि, छात्रों ने एक बायन जारी कर अपने आप को इस हिंसा से अलग कर लिया है.
जारी किए गए बयान में लिखा है, ‘जामिया के वर्तमान और पूर्व छात्र रविवार को हुई हिंसा से ख़ुद को दूर करते हैं. हमने हमेशा से यही कहा है कि हमारा विरोध शांतिपूर्ण और अहिंसात्मक है. हम इस पर कायम हैं और जिसने भी हिंसा की है उसकी निंदा करते हैं.’
बयान में आगे लिखा है कि जो इस तरह की हिंसा कर रहे हैं उनके द्वारा जामिया के विरोध प्रदर्शन को बदनाम करने और भटकाने की कोशिश की जा रही है. इस बयान को लोगों द्वारा साझा किए जाने की भी अपील की गई है. आपको बता दें कि जामिया के इलाके से एक बस जलाए जाने की जानकारी सामने आई है.
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट करके लोगों को हिंसा से दूर रहने की अपील की है. इसे जवाबी ट्वीट में दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला है.
No one shud indulge in violence. Any kind of violence is unacceptable. Protests shud remain peaceful. https://t.co/CUiaGLb9YY
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 15, 2019
जवाबी ट्वीट में तिवारी ने लिखा, ‘कैसे सीएम हैं अरविंद केजरीवाल. अपने एमएलए (अमानतुल्ला ख़ान) से जनता को भड़काते हो, आगज़नी करवा कहते हो-प्रोटेस्ट जारी रखो. ये क्यों नहीं बताते देश को कि हिंदुस्तान के मुसलमानों का इससे कुछ लेना देना ही नहीं है, तो प्रोटेस्ट क्यों? पर अपनी राजनीति के चलते राजधानी में हिंसा फैलाना चाहते हो.’
कैसेCM हैं @ArvindKejriwal !
अपने MLA से जनता को भड़काते हो,आगज़नी करवा कहते हो-प्रोटेस्ट जारी रखो
ये क्यों नहीं बताते देश को कि हिंदुस्तान के मुसलमानो का इस #CAA से कुछ लेना देना ही नहीं है,तो प्रोटेस्ट क्यों? पर अपनी राजनीति के चलते राजधानी में हिंसा फैलाना चाहते हो#चिंताजनक https://t.co/wzN0f7AnLf— Manoj Tiwari (@ManojTiwariMP) December 15, 2019
अमानतुल्ला ख़ान ने सफाई देते हुए एक बयान में कहा, ‘कुछ टीवी चैनलों ने ऐसी ख़बर चलाई है कि भीड़ ने मेरे नेतृत्व में बस को आग़ लगाई है. ये जनकारी ग़लत है. मैं शाहीन बाग़ के पास प्रदर्शन कर रहा था जहां ऐसा कुछ नहीं हुआ.’
एक ट्वीट कर दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने लिखा, ‘चुनाव में हार के डर से बीजेपी दिल्ली में आग लगवा रही है. AAP किसी भी तरह की हिंसा के ख़िलाफ़ है. ये बीजेपी की घटिया राजनीति है. इस वीडियो में ख़ुद देखें कि किस तरह पुलिस के संरक्षण में आग लगाई जा रही है.’
चुनाव में हार के डर से बीजेपी दिल्ली में आग लगवा रही है. AAP किसी भी तरह की हिंसा के ख़िलाफ़ है. ये बीजेपी की घटिया राजनीति है. इस वीडियो में ख़ुद देखें कि किस तरह पुलिस के संरक्षण में आग लगाई जा रही है. https://t.co/IoMfSpPyYD
— Manish Sisodia (@msisodia) December 15, 2019
#NRC #CAB #Delhiviolence New Friends Colony pic.twitter.com/Z6pcgooO1A
— Arjun Yadav (@arjun102) December 15, 2019
शुरुआत में बस जलाने का आरोप छात्रों पर लगाया जा रहा था. लेकिन बाद में कई सोशल मीडिया पोस्ट में ये भी आरोप लगाया गया कि दिल्ली पुलिस ने बस को आग़ के हवाले किया है. पुलिस द्वारा की गई लाठीचार्ज की तस्वीरों से भी सोशल मीडिया पटा पड़ा है.
सिसोदिया जैसे ही एक ट्वीट में सिद्धार्थ सेतिया नाम के एक ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट पर सवाल उठाया गया है, ‘दिल्ली पुलिस बस में फ्यूल क्यों डाल रही है? क्या ऐसा करके जमिया के छात्रों पर हिंसक होने का आरोप लगाने का उन्हें गोली मार देने की योजना है?’
Why Delhi Police is throwing fuel in the bus?
The plan is to blame jamia students turning violent and shoot them??
Investigation should happen who are there people pouring fuel in the bus before lighting the fire! #CABProtests #CitizenshipAmendmentBill2019 pic.twitter.com/GuydXnKtT1
— Siddharth Setia (@ethicalsid) December 15, 2019
अपनी तरह का ये इकलौता ट्वीट नहीं है. कई और सोशल मीडिया यूज़र्स ने ऐसे ही ट्वीट करके दिल्ली पुलिस पर बस जलाने और हिंसक होने के आरोप लगाए हैं. हालांकि, 20 सेकेंड की इस वीडियो में ये बात साफ़ नहीं होती कि दिल्ली पुलिस बस में आग़ लगा रही है और ये वही बस है जिसमें आग़ लगाई गई है.
आपको बता दें कि नागरिकता में बदलाव वाले इस कानून के ख़िलाफ़ देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे हैं. असम, त्रिपुरा के अलावा पश्चिम बंगाल के हालात बेहद चिंताजनक बने हुए हैं. जामिया के अलावा अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के छात्र भी इसका विरोध कर रहे हैं. जामिया के छात्रों के प्रदर्शन का आज चौथा दिन है.
इस बीच जामिया प्रशासन ने एक बयान जारी करके कहा, ‘जामिया मिल्लिया इस्लामिया के आस-पास हुई ताज़ा हिंसा से छात्रों का कोई लेना-देना नहीं. ये प्रदर्शन स्थानीय लोगों द्वारा आयोजित किया गया था.’ बयान में आगे लिखा है कि यूनिवर्सिटी ने पहले ही ठंड की छुट्टियों का ऐलान कर दिया है और 13 दिसंबर की घटना के बाद सेमेस्टर एक्ज़ाम भी स्थगित कर दिया है.
इसमें आगे लिखा है कि वीसी नगमा अख़्तर ने बच्चों से शांति बनाए रखने की अपील की है और छुट्टियों की वजह से हॉस्टल में रहने वाले बच्चे बड़ी संख्या में अपने घर जा चुके हैं. वहीं, एक प्रत्यक्षदर्शी ने नाम नहीं लिखने की शर्त पर कहा, ‘ताज़ा प्रदर्शन में मोटे तौर पर 10 हज़ार से अधिक स्थानीय लोग थे जिन्होंने सड़क जाम कर रखी थी और छिटपुट हिंसा भी की.’
प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि छिटपुट हिंसा के बीच पहुंची पुलिस ने प्रदर्शनारियों को हटाने या मनाने के लिए बातचीत का प्रयास नहीं किया बल्कि सीधे लाठी चार्ज कर दी जिससे माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया. आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस पर प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ गोली चलाने का भी आरोप है.
दिल्ली पुलिस ने दिप्रिंट से कहा कि अभी वो मामले पर नज़र बनाए हुए है और इसे लेकर बयान जारी करेगी.