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Monday, 8 December, 2025
होमदेशहिमालय की रक्षा करना देश की सीमाओं की सुरक्षा जितना ही महत्वपूर्ण है:डॉ मुरली मनोहर जोशी

हिमालय की रक्षा करना देश की सीमाओं की सुरक्षा जितना ही महत्वपूर्ण है:डॉ मुरली मनोहर जोशी

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देहरादून, आठ दिसंबर (भाषा) पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ मुरली मनोहर जोशी ने उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के झाला-भैरोंघाटी के बीच गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण के लिए छह हजार से ज्यादा देवदार के वृक्षों के कटान के विरोध में आयोजित रक्षासूत्र कार्यक्रम को अपना समर्थन दिया और कहा कि हिमालय की रक्षा करना देश की सीमाओं की सुरक्षा जितना ही महत्वपूर्ण है।

हर्षिल में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर देवदार के पेड़ों को बचाने के लिए रविवार को आयोजित हुए रक्षासूत्र कार्यक्रम में भेजे अपने वीडियो संदेश में जोशी ने यह बात कही।

उन्होंने कहा कि हिमालय के साथ किसी तरह का अन्याय पर्यावरण के साथ भी अन्याय होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर भागीरथी लुप्त होती है तो हमारी संस्कृति का मानदंड लुप्त हो जाएगा।’’

जोशी ने कहा, ‘‘ हमारे देश की रक्षा और सुरक्षा के लिए कार्यक्रम तो जरूर होने चाहिए लेकिन हमें यह भी देखना होगा कि कहीं हम सुरक्षा का तंत्र ही नष्ट न कर दें। कहीं हम विकास के नाम पर हिमालय पर बोझ तो नहीं डाल रहे।’’

उन्होंने गीता का हवाला देते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने खुद को पर्वतों में हिमालय और नदियों में भागीरथी या गंगा बताया है और इसलिए हिमालय की रक्षा होनी चाहिए।

पिछली कई आपदाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हम हिमालय में लोगों के जीवन को असुरक्षित कर रहे हैं और ये सभी विनाशकारी तबाही मानवीय हस्तक्षेप को उजागर करती हैं।

उन्होंने कहा कि देवदार के पेड़ों को बचाने के लिए उन्होंने उच्चतम न्यायालय में सौ लोगों द्वारा हस्ताक्षरित एक प्रतिवेदन दिया है और अगर जरूरत हुई तो भविष्य में एक और प्रतिवेदन दिया जाएगा ।

भाषा दीप्ति शोभना

शोभना

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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