नयी दिल्ली, 29 अप्रैल (भाषा) मशहूर पटकथा लेखक एवं गीतकार जावेद अख्तर ने मंगलवार को बौद्धिक संपदा (आईपी) कानूनों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि एक कलाकार को उस काम को अस्वीकार करने की छूट होनी चाहिए, जिसे वह नहीं करना चाहता और यह तभी संभव है जब वह आर्थिक रूप से सुरक्षित हो।
‘इंडियन परफॉर्मिंग राइट सोसाइटी’ (आईपीआरएस) के अध्यक्ष अख्तर ने कहा कि जब कलाकार सुरक्षित हो जाएगा, तो यह भारतीय संगीत उद्योग की समग्र स्थिति को दर्शाएगा।
उन्होंने कहा,‘‘… यह (संगीत) दिल से नहीं आता, यह आदेश के अनुसार तैयार किया जाता है। उन्हें (संगीतकारों को) छूट नहीं है। जहां भी उन्हें छूट मिलेगी, वे इस संगीत उद्योग को और अधिक जीवंत बनाएंगे। यह किसी भी तरह के अच्छे रचनात्मक काम से ही हो सकता है। यह तभी हो सकता है जब आप कलाकारों को शक्ति देंगे। उन्होंने (कलाकारों ने) जो भी किया है, उसके लिए उन्हें पुरस्कृत किया जाना चाहिए। आर्थिक रूप से एवं वित्तीय रूप से, उन्हें सुरक्षित किया जाना चाहिए।’’
अख्तर ने यहां फिक्की द्वारा आयोजित ‘आईपी और म्यूजिक: फील द बीट ऑफ आईपी’ कार्यक्रम के उद्घाटन भाषण में कहा, ‘‘संगीत उद्योग की सुरक्षा के लिए कलाकारों की सुरक्षा की आवश्यकता है। हमें मजबूत नियमों की आवश्यकता है, जिन्हें बेहतर संगीत उद्योग के लिए जमीनी स्तर पर लागू किया जाए।’’
उन्होंने कहा कि रचनात्मकता और विपणन के बीच संतुलन होना चाहिए।
भाषा सुभाष अविनाश
अविनाश
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