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Friday, 22 November, 2024
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लखनऊ यूनिवर्सिटी में सीएए की पढ़ाई का प्रपोजल तैयार, ट्विटर पर मायावती भड़कीं

दिप्रिंट को मिली जानकारी के मुताबिक पाॅलिटिकल सांइस की ओर से बने प्रपोजल में सीएए की पढ़ाई को चाॅइस बेस्ड सब्जेक्ट में शामिल करने की बात कही गई है. जिसे चाॅइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के तहत लागू किया जा सकता है.

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लखनऊ : लखनऊ यूनिवर्सिटी में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को सिलेबस में शामिल करने की तैयारी चल रही है. इसको लेकर पाॅलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट ने एक प्रस्ताव तैयार किया है, जिसके अनुसार चॉइस बेस्ड सब्जेक्ट में आज के राजनीतिक मुद्दे शामिल किये जायेंगे. इनमें सीएए, धारा 370 समेत तमाम मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य से जुड़े मुद्दे होंगे. इस पर बसपा सुप्रीमो मायावती सोशल मीडिया पर भड़क गई हैं.

मायावती ने ट्वीट कर कहा, ‘सीएए पर बहस आदि तो ठीक है. लेकिन कोर्ट में इस पर सुनवाई जारी रहने के बावजूद लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा इस अतिविवादित व विभाजनकारी नागरिकता कानून को पाठ्यक्रम में शामिल करना पूरी तरह से गलत व अनुचित. बीएसपी इसका सख्त विरोध करती है तथा यूपी में सत्ता में आने पर इसे अवश्य वापस ले लेगी.’

समाजवादी पार्टी की स्टूडेंट यूनियन समाजवादी छात्रसभा भी इसके विरोध में उतर आई है. प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह देव ने दिप्रिंट से कहा कि समाजवादी छात्रसभा शुरुआत से ही सीएए के खिलाफ ये लड़ाई लड़ रही है और आगे भी जारी रखेंगे. लखनऊ यूनिवर्सिटी पाॅलिटिकल प्रेशर में ऐसा कर रहा है. डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा खुद लखनऊ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रहे हैं. ऐसे तमाम लोग सरकार में हैं जो यूनिवर्सिटी में अपना एजेंडा चलवा रहे हैं. फिलहाल ऐसा कोई कोर्स अभी नहीं आया है. लेकिन जब भी आएगा तो हम इसका विरोध कैंपस में भी करेंगे.

सीबीसीएस के तहत सीएए इंट्रोड्यूस करने की तैयारी

दिप्रिंट को मिली जानकारी के मुताबिक पाॅलिटिकल सांइस की ओर से बने प्रपोजल में सीएए की पढ़ाई को चाॅइस बेस्ड सब्जेक्ट में शामिल करने की बात कही गई है. जिसे चाॅइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के तहत लागू किया जा सकता है. सबजेक्ट का नाम ‘आज की राजनीति के सम-समायिक मुद्दे’ होगा और उसमें सीएए समेत तमाम चर्चित मुद्दे होंगे. हाल ही में लखनऊ यूनिवर्सिटी ने पीजी कोर्सेज व पीएचडी में सीबीसीएस लागू करने की बात कही थी. इसी के तहत पाॅलिटिकल साइंस विभाग में नया सब्जेक्ट लाने का प्रपोजल तैयार किया गया है. वहीं, सीएए के मुद्दे पर विभाग में छात्रों के बीच डिबेट करवाने पर भी विचार चल रहा है.


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वीसी बोले- अभी सिर्फ विचाराधीन है प्रपोजल

लखनऊ यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर आलोक कुमार राय ने दिप्रिंट को बताया कुछ स्थानीय चैनल इसे सीएए का कोर्स लिख रहे हैं, जो कि एकदम गलत है. इस पर कोर्स नहीं शुरू हो रहा है बल्कि इस प्रपोजल पर हमारे यूनिवर्सिटी के एक डिपार्टमेंट में चर्चा हुई कि ऐसा सब्जेक्ट डंट्रोड्यूस किया जाए. जिसमें मौजूदा राजनीतिक मुद्दे के बारे में स्टूडेंट्स को जानकारी मिले. ऐसे में सीएए आज के दौर में सबसे चर्चित मुद्दा है उसे भी इस सब्जेक्ट में शामिल किया जाए. अभी ये प्रपोजल बोर्ड ऑफ स्टडीज पास जाएगा है, फिर एकेडमिक काउंसिल के पास जाएगा फिर उसके बाद इस पर मुहर लग सकती है, लेकिन ये कहना गलत होगा कि सीएए का कोई कोर्स शुरू होने जा रहा है.


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यूपी के दूसरे यूनिवर्सिटी में शुरू होगा सीएए पर सर्टिफिकेट कोर्स

वहीं, यूपी की राजश्री टंडन मुक्त विश्वविद्यालय (यूपीआरटीओयू) में सीएए पर सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया है. इसके तहत इस कानून से जुड़े जितने भी पहलू हैं सब बताए जाएंगे. यूनिवर्सिटी के कोर्डिनेटर प्रोफेसर सीके सिंह ने पिछले दिनों वाराणसी में प्रेस काॅन्फ्रेंस कर बताया था कि इसमें तीन महीने का सर्टिफिकेट कोर्स होगा. उनके मुताबिक इस कोर्स में भारतीय नागरिकता कानून (सीएए) के प्रावधान और उसके समाधान को पढ़ाया जाएगा.

प्रोफेसर सिंह ने ये भी बताया कि इस कोर्स की फीस 500 रूपये रखी गई है, जो फॉर्म चार्ज के रूप में लिया जाएगा. वहीं धारा 370 पर भी सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया जाएगा. इन दोनों कोर्सेज को यूनिवर्सिटी के अंतर्गत आने वाले यूपी के 200 सेंटर में शुरू किया जाएगा.

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