मुंबई, आठ मई (भाषा) महाराष्ट्र सरकार ने बंबई उच्च न्यायालय को सूचित किया कि प्रत्यर्पित अपराधी अबू सलेम की समयपूर्व रिहाई का प्रस्ताव विचाराधीन है और इस पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।
सरकार ने जेल से रिहाई के अनुरोध वाली गैंगस्टर की याचिका के जवाब में अपने हलफनामे में कहा कि नवंबर 2005 में पुर्तगाल से प्रत्यर्पित किए जाने के बाद से सलेम ने जेल में केवल 19 साल की कैद काटी है।
राज्य सरकार ने बुधवार को न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी और न्यायमूर्ति अद्वैत सेठना की पीठ के समक्ष सलेम की याचिका के जवाब में दो हलफनामे पेश किए।
अधिवक्ता फरहाना शाह के माध्यम से दायर अपनी याचिका में सलेम ने दावा किया कि अगर अच्छे व्यवहार के लिए छूट को शामिल किया जाए तो वह पहले ही 25 साल के कारावास की सजा काट चुका है।
याचिका में कहा गया कि जब सलेम को पुर्तगाल से प्रत्यर्पित किया गया था तो भारत सरकार ने आश्वासन दिया था कि उसे किसी भी मामले में मृत्युदंड नहीं दिया जाएगा और उसे 25 साल से अधिक की अवधि के लिए जेल में नहीं रखा जाएगा।
गृह विभाग के संयुक्त सचिव सुग्रीव धपाटे द्वारा दायर हलफनामे में राज्य सरकार ने कहा कि सलेम की समयपूर्व रिहाई का प्रस्ताव विचाराधीन है और जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा।
सरकारी हलफनामे के अनुसार, सलेम को नवंबर 2005 में पुर्तगाल से प्रत्यर्पित किया गया था और 28 फरवरी 2025 तक उसकी वास्तविक कारावास अवधि 19 वर्ष तीन महीने और 20 दिन थी।
पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक और जेल महानिरीक्षक सुहास वारके द्वारा दायर एक अन्य हलफनामे में कहा गया है कि महाराष्ट्र जेल मैनुअल के प्रावधानों के अनुसार, सलेम की समयपूर्व रिहाई का प्रस्ताव सलाहकार बोर्ड और अधीनस्थ अदालत की राय के साथ राज्य सरकार को मंजूरी के लिए भेजा गया था।
वारके ने हलफनामे में कहा, ‘‘याचिकाकर्ता अबू सलेम का इतिहास बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। उसने भारत में कई अपराध किए हैं। इसके बाद वह विदेश भाग गया।’’
हलफनामे के अनुसार, सलेम को 1993 बम विस्फोट मामले सहित दो मामलों में दोषी ठहराया गया है और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
इसमें कहा गया कि मार्च 2025 तक सलेम 19 साल की कैद काट चुका है और इसलिए 25 साल की अवधि अभी तक पूरी नहीं हुई है।
इसमें कहा गया, ‘‘याचिकाकर्ता (सलेम) की 25 साल की सजा पूरी होने की अंतिम तिथि महाराष्ट्र सरकार के गृह विभाग द्वारा उसकी समयपूर्व रिहाई पर निर्णय लिए जाने के बाद ही तय की जाएगी।”
पीठ ने मामले की सुनवाई जून में करना तय किया।
भाषा वैभव खारी
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