नयी दिल्ली, 28 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को कहा कि सरकारी कामकाज में हिंदी को बढ़ावा देना सिर्फ कुछ विभागों का काम नहीं है बल्कि समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है।
मंत्रालय द्वारा आयोजित हिंदी सलाहकार समिति की बैठक में उन्होंने कहा कि हिंदी के इस्तेमाल को बढ़ाने में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, लेकिन सभी हितधारकों की ओर से निरंतर प्रयास अभी भी जरूरी हैं।
मंत्री ने हिंदी को बढ़ावा देने में आने वाली व्यावहारिक चुनौतियों जैसे कुछ क्षेत्रों में योग्य शिक्षकों की कमी और प्रशासनिक बाधाओं पर भी बात की।
उन्होंने हितधारकों को औपचारिक बैठकों से आगे बढ़कर नियमित संचार व व्यावहारिक पहल के माध्यम से सक्रिय रूप से योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया।
मंत्री ने कहा, “केवल वास्तविक, दिन-प्रतिदिन की प्रतिबद्धता के माध्यम से ही हम शासन के सभी क्षेत्रों में हिंदी को मुख्यधारा में ला सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत की नयी पीढ़ी, राजनीतिक आख्यानों से परे, हिंदी सीखने के लिए तेजी से उत्सुक हो रही है, जो एक सांस्कृतिक बदलाव का संकेत है।
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