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Wednesday, 20 November, 2024
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चंद्रयान-2 की प्रोजेक्ट डायरेक्टर एम. वनिता, खाना, इत्र और साड़ियों की हैं शौकीन

वनिता को सम्मानित करने के लिए उनके सहयोगी एक कार्यक्रम करने वाले हैं. वनिता भारत के अंतरग्रही मिशन की पहली महिला परियोजना निदेशक हैं.

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नई दिल्ली: अब से कुछ देर बाद जब भारत का सबसे महत्वकांक्षी मून मिशन चंद्रयान-2 चांद पर उतरेगा तब इतिहास रचा जाएगा. साथ ही स्वर्णाक्षरों में लिखी जाएगी इस मिशन से जुड़ीं दो महिलाओं की कहानियां. चंद्रयान को चांद पर ले जाने का श्रेय देश कि दो महिला वैज्ञानिकों की अहम भूमिका है. इनमें वनिता मुथैया प्रोजेक्ट डायरेक्टर हैं तो वहीं लखनऊ रितु करिधाल श्रीवास्तव मिशन डायरेक्टर हैं.

दोनों 20 वर्षों से अधिक समय से विभिन्न प्रोजेक्ट से जुड़ी रही हैं. इसरो के अनुसार चंद्रयान-2 को संभव करने वाले स्टाफ में 30 प्रतिशत महिलाएं हैं. यदि आज सबकुछ ठीक रहा तो चंद्रयान-2 दुनिया का पहला ऐसा मिशन बन जाएगा जो चांद की दक्षिणी सतह पर उतरेगा. यह चांद का वह अंधेरा हिस्सा है जहां उतरने का किसी भी देश ने आज तक साहस नहीं किया है.

एम. वनिता का चंद्रयान-1 से चंद्रयान-2 तक का सफर

आज चंद्रयान को चांद पर पहुंचाने वाली एम. वनिता इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम इंजीनियर और डाटा विश्लेषण विशेषज्ञ हैं. चंद्रयान का अहम उद्देश्य पानी, विभिन्न धातुओं और खनिजों सहित चंद्र सतह के तापमान, विकिरण, भूकंप आदि का डाटा जमा करना है. ऐसे में उनका काम मिशन से जुटाए डाटा का विश्लेषण रहेगा. वनिता चंद्रयान-1 के लिए भी यह काम कर चुकी हैं. वे भारत के रिमोट सेन्सिंग उपग्रहों की व्यवस्था भी संभालती रही हैं. यही वजह है कि उन्हें चंद्रयान-2 प्रोजेक्ट में शुरू से प्रमुख भूमिका दी गई.

2006 में उन्हें एस्ट्रॉनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया ने सर्वश्रेष्ठ महिला वैज्ञानिक पुरस्कार से सम्मानित किया था. साइंस जर्नल नेचर ने उनका नाम उन पांच वैज्ञानिकों की श्रेणी में रखा था जिनपर 2019 में नजर रहेगी.

दोस्तों में भी फेवरेट हैं, बनाई है बड़ी योजना

चंद्रयान-2 मिशन की परियोजना निदेशक एम. वनिता के सहपाठी उन्हें सम्मानित करने के लिए इस साल एक समारोह आयोजित करने की योजना बना रहे हैं. सीएसजी इंटरनेशनल के निदेशक जवाहर सभापति ने बताया, ‘हम वनिता को सम्मानित करने के लिए एक छोटा-सा समारोह आयोजित करना चाहते हैं. हम सभी को उन पर गर्व है. वह लोगों से कम ही मिलती हैं, मगर मुझे उम्मीद है कि वह हमारे प्रस्ताव पर सहमत होंगी.’

उन्होंने कहा कि अक्टूबर महीने में किसी दिन इस समारोह का आयोजन किया जाएगा. वनिता भारत के अंतरग्रही मिशन की पहली महिला परियोजना निदेशक हैं. उन्होंने यहां के इंजीनियरिंग कॉलेज गिंडी से पढ़ाई की है. चंद्रयान-2 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का दूसरा चंद्र मिशन है. वहीं चंद्रमा पर लैंडिंग करने वाला इसरो का यह पहला मिशन है.


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वनिता के कॉलेज के छात्रावास में उनकी रूममेट रहीं राजी सभापति ने  बताया, ‘वनिता हमेशा बेहतर ढंग से कपड़े पहनती थीं और गहनों के साथ अपनी साड़ियों को समेटने में बहुत ध्यान रखती थीं. एक बहुत ही उदार हृदय वाली वनिता मेरे और दूसरों के साथ बहुत-सी चीजें साझा करती थीं – भोजन और इत्र (जो 80 के दशक में हॉस्टल की लड़कियों के लिए एक नई बात थी), और यहां तक कि कभी-कभी वह हमें अपनी साड़ियां भी दे देती थीं.’

टेक्सास के ह्यूस्टन में रहने वाली राजी ने कहा, ‘स्वभाव से बड़ी कर्तव्यनिष्ठ होने के कारण वनिता समय पर काम पूरा कर लेती थीं. गणित विषय में वह हमेशा से ही कुशल थीं.’

डेनफॉस इंडिया के अध्यक्ष रविचंद्रन पुरुषोत्तमन ने  बताया, ‘कॉलेज में वनिता को इलेक्ट्रॉनिक्स कम्युनिकेशन का शौक था. हममें से कई लोग कॉलेज में पढ़े अपने मुख्य विषयों से दूर हो गए. लेकिन उनके मामले में ऐसा नहीं हुआ.’

प्रीसिसन मोटर्स के प्रबंध निदेशक और वनिता के सहपाठी सी. नटेसन ने बताया, ‘खबर सुनकर हम सभी रोमांचित हैं. हमें पता था कि वह इसरो से जुड़ी हुई हैं. लेकिन खबर है कि वह देश के प्रतिष्ठित मिशन की अगुवाई कर रही हैं, जोकि काफी बड़ी बात है. हम सभी को आभास था कि वह कुछ शानदार करेंगी.’

मंगल’ के बाद चांद तक ले जा रही हैं रितु द रॉकेट वुमन

चंद्रयान 2 मिशन की डायरेक्टर-2 लखनऊ की रितु करिधाल श्रीवास्तव हैं. रितु भारत के महत्वकांक्षी मिशन मंगल में भी वैज्ञानिक के तौर पर काम कर चुकी हैं. यह मिशन भी कामयाब रहा था और मंगल पर पहुंचने वाला भारत चौथा देश बना था.

मंगलयान के दौरान रितु ऑपरेशंस में थी और उनका काम इतना परफेक्ट था कि उन्हें चंद्रयान-2 में अहम जिम्मेदारी दी गई. आईआईएससी बैंगलोर से अंतरिक्ष विज्ञान इंजीनियरिंग में मास्टर्स रितु इससे पहले मार्स ऑर्बिटर मिशन (एमओएम) की डिप्टी ऑपरेटिव निदेशक भी रह चुकी हैं. जब यान ने चांद की कक्षा में प्रवेश किया तब वहां पहुंचाने का पूरा प्रोजेक्ट रितु के ही हाथों किया गया.

(आईएएनएस इनपुट्स के साथ)

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