अमरावती (आंध्रप्रदेश) , 15 फरवरी (भाषा) केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कहा है कि आंध्रप्रदेश के पूर्व मंत्री वाई एस विवेकानंद की हत्या सुनियोजित साजिश का परिणाम थी और कडपा के सांसद वाई एस अविनाश रेड्डी की भूमिका की जांच अब भी जारी है।
सीबीआई ने इस हत्याकांड के सिलसिले में 26 अक्टूबर, 2021 को आरोपपत्र दाखिल किया था और 31 जनवरी 2022 को पूरक आरोपपत्र दाखिल किया। आरोपपत्र मंगलवार को सार्वजनिक हो गया।
आंध्रप्रदेश के दिवंगत मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी के छोटे भाई और वर्तमान मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी के चाचा विवेकानंद रेड्डी की 15 मार्च, 2019 को उनके निवास पर हत्या कर दी गयी थी।
उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई ने 2020 में इस मामले की जांच अपने हाथ में ली थी। अबतक सीबीआई ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।
उसने पहले आरोपपत्र में कहा, ‘‘जांच से खुलासा हो गया है कि विवेकानंद की हत्या टी गंगी रेड्डी उर्फ येर्रा गंगी रेड्डी और शैक दस्तागिरि, यदिति सुनील यादव और गजाला उमा शंकर रेड्डी की सुनियोजित साजिश का परिणाम थी। इस साजिश का हिस्सा बनने को लेकर इन सभी के अलग-अलग खुन्नस/मंसूबे थे।’’
कभी विवेकानंद के ड्राइवर रहे दस्तागिरि सरकारी गवाह बन गया और उसने प्राड्डातूर के कनिष्ठ सिविल न्यायाधीश के सामने इकबालिया बयान दिया। उसके बयान का हवाला देकर सीबीआई ने कहा कि सुनील यादव, उमाशंकर रेड्डी और दस्तागिरि ने इस हत्या को अंजाम दिया था।
सीबीआई ने कहा कि जांच मं सामने आया कि विवेकानंद कडपा लोकसभा सीट से वर्तमान सांसद अविनाश रेड्डी के बजाय खुद को, या वाई एस शर्मिला (जगन की बहन) या वाईएस विजयम्मा (जगन की मां) को टिकट देने की पैरवी कर रहे थे। अविनाश जगन मोहन के रिश्तेदार (चचेरे भाई) हैं। सीबीआई के अनुसार ऐसे में संदेह है कि अविनाश ने यह हत्या करवाई।
भाषा राजकुमार सुरेश
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