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Saturday, 23 November, 2024
होमदेशआज़मगढ़ का दौरा कर प्रियंका गांधी का एक तीर से दो निशाने लगाने की कोशिश, जानें कैसे

आज़मगढ़ का दौरा कर प्रियंका गांधी का एक तीर से दो निशाने लगाने की कोशिश, जानें कैसे

प्रियंका के इस दौरे से ये संकेत देने की कोशिश है कि कांग्रेस सपा के मुकाबले खुद को यूपी में मुख्य विपक्षी साबित करने की लड़ाई लड़ रही है.

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लखनऊ/आज़मगढ: कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी बुधवार को आज़मगढ़ पहुंचीं. वजह थी पिछले दिनों एंटी सीएए प्रोटेस्ट के दौरान पुलिस के लाठीचार्ज में घायल परिवारों से मुलाकात. लेकिन, अपने एक दिन के इस छोटे दौरे में प्रियंका गांधी ने एक तीर से दो निशाने की कोशिश की. एक तरफ पुलिसिया बर्बरता के खिलाफ बोलते हुए उन्होंने योगी सरकार पर निशाना साधा तो दूसरी तरफ अखिलेश यादव की संसदीय सीट आजमगढ़ में ये संकेत देने की कोशिश की कि बीजेपी के खिलाफ विपक्ष के तौर पर सपा नहीं कांग्रेस लड़ रही है. यही कारण है कि यूपी कांग्रेस के तमाम नेताओं ने पिछले तीन दिन से आजमगढ़ में डेरा डाल रखा था.

दौरे से पहले अखिलेश के खिलाफ लगाए पोस्टर

बता दें कि पिछले दिनों यूपी कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग ने आजमगढ़ के सांसद अखिलेश यादव के लापता होने के पोस्टर लगाए जिन पर लिखा गया था- ‘सीएए-एनआरसी विरोधी प्रदर्शनों के दौरान मुस्लिम महिलाओं पर हुई पुलिसिया बर्बरता पर अखिलेश यादव चुप क्यों हैं और वे लोकसभा चुनावों के बाद से आजमगढ़ से लापता हैं.’ इस पोस्टर के खिलाफ समाजवादी पार्टी के नेताओं ने सोशल मीडिया पर कांग्रेस के खिलाफ प्रतिक्रिया दी.

महिला व बच्चों से मिलीं प्रियंका

अपने इस दौरे के दौरान प्रियंका गांधी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘आपके बीच में आकर मेरे दिल को तसल्ली मिली कि मैं आप सबके दुख और संघर्ष का हिस्सा बनी. उन्होंने कहा कि इसके पहले वे बिजनौर, मुजफ्फरनगर, लखनऊ, बनारस गयी. वहां लोगों से मिली. उत्तर प्रदेश जहां भी दमन होगा, अत्याचार होगा, नाइंसाफी होगी. वहां वे जाएंगी और सबके दुख-दर्द का हिस्सा बनेंगी. यह मेरा फर्ज़ है. मुझे कोई भी रोक नहीं सकता.’

प्रियंका बोलीं, ‘सीएए के खिलाफ चल रहे आंदोलनों में हुई पुलिसिया हिंसा को लेकर मानवाधिकार आयोग में शिकायत की है. डीजीपी और मुख्य सचिव तलब किये गये हैं. प्रदेश में जहां भी उत्पीडन-दमन होगा, मैं आवाज बुलंद करूंगी. उन्होंने कहा कि आज़मगढ़ बिलरियागंज के पुलिसिया उत्पीड़न की रिपोर्ट भी मानवाधिकार आयोग को वे भेजेंगी.’


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प्रियंका के इस दौरे से ये संकेत देने की कोशिश है कि कांग्रेस सपा के मुकाबले खुद को यूपी में मुख्य विपक्षी साबित करने की लड़ाई लड़ रही है. वहीं एंटी सीएए प्रोटेस्ट के दौरान घायल पीड़ितों से लगातार मिलकर अल्पसंख्यक वोट बैंक पर भी नजर गड़ाए हैं. बता दें कि यूपी में 20 प्रतिशत से अधिक अल्पसंख्यक हैं. कई सीटों पर हार-जीत में भी अहम भूमिका निभाते आए हैं. कांग्रेस से जुड़े सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि सपा व बसपा की यूपी में पिछली सरकारें बनवाने में अल्पसंख्यकों की अहम भूमिका रही है. कांग्रेस की अब इस समीकरण पर नजर है. इसके बाद पिछड़ों व दलितों के बीच भी जाने की तैयारी है. वहीं सपा-बसपा के खिलाफ मुखर रहने की प्लानिंग भी है.

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