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Saturday, 21 September, 2024
होमदेशप्रियंका ने शिक्षक भर्ती घोटाले को बताया यूपी का व्यापम, कहा- युवाओं को न्याय ना मिला तो आंदोलन से देंगे जवाब

प्रियंका ने शिक्षक भर्ती घोटाले को बताया यूपी का व्यापम, कहा- युवाओं को न्याय ना मिला तो आंदोलन से देंगे जवाब

कांग्रेस महासिचव प्रियंका गांधी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर यूपी में 69000 शिक्षकों की भर्ती घोटाले को लेकर योगी सरकार को निशाने पर लिया.

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लखनऊ: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में 69,000 बेसिक शिक्षकों की भर्ती के मामले की तुलना मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले से की है.

प्रियंका ने सोमवार को किए गए सिलसिलेवार ट्वीट में कहा ‘69000 शिक्षकों की भर्ती का घोटाला उत्तर प्रदेश का व्यापम घोटाला है.’

उन्होंने कहा, ‘इस मामले में गड़बड़ी के तथ्य सामान्य नहीं हैं. डायरियों में छात्रों के नाम, धन का लेन-देन, परीक्षा केंद्रों में बड़ी हेरफेर, इन गड़बड़ियों में रैकेट का शामिल होना, ये सब दर्शाता है कि इसके तार काफी जगहों पर जुड़े हैं.’

कांग्रेस महासचिव ने राज्य सरकार को आगाह किया, ‘मेहनत करने वाले युवाओं के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए. सरकार अगर न्याय नहीं दे सकी तो इसका जवाब आंदोलन से दिया जाएगा.’

इस बीच, उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने सरकार पर युवाओं के साथ धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए पूरी भर्ती को रद्द करके इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की.

कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष बीरेंद्र चौधरी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि योगी आदित्यनाथ की सरकार के संरक्षण में गिरोह चल रहा है जिसने इस शिक्षक भर्ती में युवाओं के साथ धोखाधड़ी की. शिक्षक भर्ती को तत्काल निरस्त किया जाए और इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि यह सैकड़ों करोड़ रुपए का घोटाला है. सत्तारूढ़ भाजपा को बताना चाहिए कि क्या ऐसे घोटालों से वह चुनाव का पैसा इकठ्ठा कर रही है.

विधान परिषद दल के नेता दीपक सिंह ने इस मौके पर कहा कि प्रदेश में इसके पहले भी 68500 शिक्षक भर्ती में भी गड़बड़ी हुई थी. तब अदालत ने सरकार को फटकार लगाई थी.

उन्होंने कहा कि अब 69 हज़ार भर्ती प्रक्रिया में शुरू से युवाओं के साथ धोखाधड़ी हुई. इस परीक्षा में भी पेपर लीक हुआ है. पूरे प्रदेश में शिक्षा विभाग में एक बड़ा नेटवर्क चल रहा है. एक शिक्षिका 25 जगह से वेतन ले रहीं हैं. यह सब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संरक्षण में गिरोह चलाया जा रहा है.

गौरतलब है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गत 3 जून को प्रदेश में 69000 बेसिक शिक्षकों की भर्ती संबंधी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी. न्यायमूर्ति आलोक माथुर की अदालत का कहना था कि परीक्षा के दौरान पूछे गए कुछ प्रश्न गलत थे लिहाजा केंद्रीय अनुदान आयोग द्वारा इसकी फिर से पड़ताल किए जाने की जरूरत है.

उत्तर प्रदेश सरकार ने एक विशेष याचिका दाखिल कर उत्तर प्रदेश में 69000 बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया रोके जाने के फैसले को चुनौती दी है.

न्यायमूर्ति पंकज जायसवाल और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ राज्य सरकार की ओर से परीक्षा नियामक आयोग (ईआरए) द्वारा दाखिल की गई इस याचिका पर आगामी 9 जून को सुनवाई करेगी.

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