नई दिल्ली/मुजफ्फरनगर: नागरिकता कानून को लेकर उत्तर प्रदेश में राजनीति अभी भी जारी है. शनिवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जाकर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के बाद पुलिस कार्रवाई से प्रभावित लोगों से मुलाकात करने पहुंची. प्रियंका ने कहा, ‘जहां भी अन्याय होगा वहां कांग्रेस खड़ी होगी.’
इधर,मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन ने संशोधित नागरिकता कानून के विरोध के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में कथित रूप से शामिल रहने के मामले में 46 लोगों को नोटिस भेजा है.
मुजफ्फरनगर दौरे के दौरान प्रियंका ने पहले एक स्थानीय मदरसे के मौलाना से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने कुछ अन्य पर प्रभावित लोगों से मिलते हुए रुकैया परवीन नामक उस युवती से मुलाकात की जिसकी जल्द ही शादी तय है. रुकैया के परिवार का आरोप है कि पुलिस उनके घर में घुसी और उसने तोड़फोड़ की एवं वह बहुत सारा समान ले गयी .
प्रियंका ने इस लड़की का उल्लेख करते हुए कहा, ‘उसकी शादी होने वाली थी. पुलिस ने इसके घर में घुसकर समान तोड़फोड़ दिया . लड़की के सिर पर चोट लगी है.’
उन्होंने कहा, ‘जहां जहां अन्याय होगा वहां हम खड़े होंगे. हम हर संभव मदद करेंगे.’
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘मैंने हाल ही में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल को चिट्ठी लिखी जिसमें कई मामलों का विवरण है. हमने उन्हें बताया कि पुलिस ने किस तरह लोगों को बेवजह मारा-पीटा है. ‘
उन्होंने कहा, ‘अगर किसी ने कुछ गलत किया है तो पुलिस कार्रवाई करे. इसमें किसी को कोई दिक्कत नहीं है लेकिन पुलिस घरों में घुसकर मारपीट कर रही है. पुलिस का काम न्याय दिलाना है, लेकिन यहां तो उलटा हुआ है.’
सूत्रों का कहना है कि मुजफ्फरनगर के बाद प्रियंका मेरठ भी जा सकती हैं. उन्हें और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को पिछले दिनों मेरठ जाने से रोक दिया गया था.
प्रियंका ने इससे पहले बिजनौर में सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान मारे गए दो युवकों के परिवारों से मुलाकात की थी.
20 दिसंबर के प्रदर्शन के लिए अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ने भेजा नोटिस
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन ने संशोधित नागरिकता कानून के विरोध के दौरान यहां सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में कथित रूप से शामिल रहने के मामले में 46 लोगों को नोटिस भेजा है.
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट अमित कुमार के नेतृत्व में गठित एक पैनल ने 46 लोगों को नोटिस जारी किया है .
कुमार ने कहा कि अधिकारियों ने पाया कि ये आरोपी 20 दिसंबर को सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के दौरान तोड़-फोड़ में शामिल थे.
उन्होंने बताया कि आरोपियों को नौ जनवरी तक जवाब देने का समय दिया गया है.
वहीं मदरसे के चार छात्रों को एक अदालत के आदेश के बाद छोड़ दिया गया क्योंकि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दायर रिपोर्ट में पुलिस ने इन छात्रों को क्लीन चिट दे दी थी.