नयी दिल्ली, 22 मार्च (भाषा) कुछ निजी स्कूलों ने टर्म-एक परीक्षा के दौरान छात्रों को अंक देते समय कई स्कूलों द्वारा ‘‘अनुचित तरीकों और कदाचार’’ अपनाने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से 2021-2022 सत्र के लिए टर्म-एक परीक्षा के ‘वेटेज’ को कम करने का आग्रह किया है।
सीबीएसई अध्यक्ष विनीत जोशी को लिखे पत्र में, ‘नेशनल प्रोग्रेसिव स्कूल्स कॉन्फ्रेंस’ (एनपीएससी) ने सुझाव दिया कि टर्म-एक परीक्षा का ‘वेटेज’ 20 प्रतिशत से 30 प्रतिशत तक कम किया जाना चाहिए, जबकि टर्म दो परीक्षा का ‘वेटेज’ 70 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक बढ़ाया जाना चाहिए।
यह पत्र सीबीएसई द्वारा कक्षा 10वीं और 12वीं के टर्म -1 के परिणाम साझा करने के कुछ दिनों बाद सामने आया है।
पत्र में कहा गया है, ‘‘यह देखा गया कि गृह केंद्रों पर आयोजित की जाने वाली टर्म एक की परीक्षाओं के दौरान, कई स्कूलों ने अनुचित तरीके और कदाचार अपनाए। इसके परिणामस्वरूप इन स्कूलों के कई छात्रों ने अधिकांश विषयों में पूर्ण अंक प्राप्त किए। हमें यकीन है कि सीबीएसई को भी इस मुद्दे पर इसी तरह की प्रतिक्रिया मिली है।’’
बोर्ड ने कहा था कि टर्म- एक और टर्म- दो परीक्षाओं का वेटेज टर्म- दो के परिणाम की घोषणा के समय तय किया जाएगा और इसके बाद अंतिम परिणाम की गणना की जाएगी।
पिछले साल, सीबीएसई ने घोषणा की थी कि 2022 के लिए बोर्ड परीक्षाएं दो टर्म में आयोजित की जाएंगी। प्रमुख विषयों के लिए टर्म -1 परीक्षा पिछले साल 30 नवंबर से 11 दिसंबर के बीच आयोजित की गई थी।
बोर्ड ने टर्म-2 परीक्षा की डेटशीट पहले ही जारी कर दी है। परीक्षाएं 26 अप्रैल से शुरू होंगी।
भाषा
देवेंद्र उमा
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