कोलकाता, 25 नवंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल सरकार को 80 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, क्योंकि लगभग 30 फीसदी निजी कार मालिकों ने पथ कर का भुगतान नहीं किया है। राज्य के परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पश्चिम बंगाल में कार मालिकों को कार खरीदते समय पांच साल और उसके बाद पांच साल के चरणों में पथ कर देना होता है। उनके पास 15 साल के लिए एकमुश्त पथ कर देने का विकल्प भी है।
स्नेहाशीष चक्रवर्ती ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि लगभग 30 फीसदी कार मालिक, जिनमें महंगे वाहन मालिक भी शामिल हैं, पांच साल की शुरुआती अवधि के बाद अगले वर्षों में पथ कर का भुगतान नहीं करते हैं और यह कुल राशि 80 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।
हालांकि, मंत्री ने कहा कि सभी मामलों में ऐसा जानबूझकर नहीं किया जाता।
उन्होंने कहा, ‘‘कई बार वे अपने मोबाइल पर आए संदेश को नहीं देखते हैं। हो सकता है कि यह उनकी चूक का मामला हो या फिर वे भुगतान करना भूल गए हों। जब पुलिस द्वारा अधिकारियों के पास उपलब्ध सूचना के आधार पर ऐसी कारों को सड़क पर रोका जाता है, तो कार मालिकों को असहज महसूस होता है और वे जल्दी से पैसे चुका देते हैं। यहां तक कि प्रीमियम लक्जरी कार मालिकों का एक वर्ग भी इस वर्ग में आता है।’’
उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग कार मालिकों को कर भुगतान में चूक की याद विनम्र लेकिन प्रभावी तरीके से दिलाने के तरीकों पर विचार कर रहा है।
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