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Monday, 23 December, 2024
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प्रधानमंत्री ने देशवासियों से कहा- खुद से आगे आकर करें कर भुगतान, करदाता चार्टर भी जारी किया

करदाताओं और अधिकारियो के बीच फेसलेस आकलन, अपील करने और करदाता चार्टर जैसे बड़े सुधारों को आगे बढ़ाया गया है. फेसलेस आकलन और करदाता चार्टर आज से लागू हो गये हैं

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर व्यवस्था में सुधारों को आगे बढ़ाते हुए बृहस्पतिवार को ‘पारदर्शी कराधान – ईमानदार का सम्मान’ मंच की शुरूआत की और इसके साथ ही देशवासियों से स्वप्रेरणा से आगे आकर कर भुगतान का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि करदाता के लिये कर देना या सरकार के लिये कर लेना, ये कोई हक का अधिकार का विषय नहीं है, बल्कि ये दोनों का दायित्व है.

वीडियो कांफ्रेंन्सिंग के जरिये ‘पारदर्शी कराधान- ईमानदार का सम्मान’ मंच की शुरूआत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘बीते 6-7 साल में आयकर रिटर्न भरने वालों की संख्या में करीब ढाई करोड़ की वृद्धि हुई है. लेकिन ये भी सही है कि 130 करोड़ के देश में ये अभी भी बहुत कम है. इतने बड़े देश में सिर्फ डेढ़ करोड़ साथी ही इन्‍कम टैक्स जमा करते हैं. इस पर देश को आत्मचिंतन करना होगा. आत्मनिर्भर भारत के लिए आत्मचिंतन जरूरी है. और ये जिम्मेदारी सिर्फ कर विभाग की नहीं है, हर भारतीय की है. जो कर देने में सक्षम हैं, लेकिन अभी वो कर नेट में नहीं है, वो देशवासी स्वप्रेरणा से आगे आएं, ये मेरा आग्रह है और उम्मीद भी.’

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर तथा वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे.


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प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते छह साल में देश में कर प्रशासन में संचालन का एक नया मॉडल विकसित होते देखा है. ‘देशवासियों पर भरोसा, इस सोच का प्रभाव कैसे जमीन पर नजर आता है, ये समझना भी बहुत जरूरी है. वर्ष 2012-13 में जितने रिटर्न दाखिल होते थे, उसमें से 0.94 प्रतिशत की स्क्रूटनी होती थी.’

‘वर्ष 2018-19 में ये आंकड़ा घटकर 0.26 प्रतिशत पर आ गया है. यानि कर मामलों की स्क्रूटनी, करीब-करीब 4 गुना कम हुई है. कर रिटर्न की स्क्रूटनी का 4 गुना कम होना, अपने आप में बता रहा है कि बदलाव कितना व्यापक है.’

उन्होंने कहा, ‘आज से शुरू हो रहीं नई व्यवस्थाएं, नई सुविधाएं न्यूनतम सरकार, कारगर शासन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करती है, ये देशवासियों के जीवन में सरकार के दखल को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है. देश में चल रहा संरचनात्मक सुधारों का सिलसिला आज एक नए पड़ाव पर पहुंचा है. पारदर्शी कराधान – ईमानदार का सम्मान’ 21वीं सदी की कर प्रणाली की एक नई व्यवस्था है.’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इस मंच में करदाताओं और अधिकारियों के बीच बिना आमना सामना (फेसलेस) आकलन, अपील करने और करदाता चार्टर जैसे बड़े सुधारों को आगे बढ़ाया गया है. फेसलेस आकलन और करदाता चार्टर आज से लागू हो गये हैं जबकि फेसलेस अपील की सुविधा 25 दिसंबर यानी दीन दयाल उपाध्याय जी के जन्मदिन से देशभर में नागरिकों के लिए उपलब्ध हो जाएगी.’

ईमानदार करदाताओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘देश का ईमानदार करदाता राष्ट्रनिर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है. जब देश के ईमानदार करदाता का जीवन आसान बनता है, वो आगे बढ़ता है, तो देश का भी विकास होता है.’

कर सुधारों के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, ‘जहां जटिलता होती है, वहां अनुपालन भी मुश्किल होता है. कम-से- कम कानून हो, जो कानून हो वो बहुत स्पष्ट हों तो करदाता भी खुश रहता है और देश भी. हम पिछले कुछ समय से इसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.’

मोदी ने कहा, ‘अब उच्च न्यायालय में मामलों को ले जाने के लिये 1 करोड़ रुपए तक के और उच्चतम न्यायालय में 2 करोड़ रुपए तक की सीमा तय की गई है. ‘विवाद से विश्वास’ जैसी योजना से कोशिश ये है कि ज्यादातर मामले कोर्ट से बाहर ही सुलझ जाएं.’

उन्होंने कहा, ‘प्रक्रियाओं की जटिलताओं के साथ-साथ देश में कर की दर भी कम की गयी है. 5 लाख रुपए की आय पर अब कर शून्य है. बाकी स्लैब में भी कर कम हुआ है. कंपनी कर के मामले में हम दुनिया में सबसे कम कर लेने वाले देशों में से एक हैं.’


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उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष कंपनी कर की दर को 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत तथा नई विनिर्माण इकाइयों के लिए इसे 15 प्रतिशत किया गया. साथ ही कंपनियों को लाभांश वितरण कर से मुक्त कर दिया गया.

करदाता चार्टर की घोषणा करते हुए मोदी ने कहा, ‘करदाता को अब उचित, विनम्र और तर्कसंगत व्यवहार का भरोसा दिया गया है. यानी आयकर विभाग को अब करदाता के मान-सम्मान का संवेदनशीलता के साथ ध्यान रखना होगा.

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